भोपाल: डॉ. मोहन यादव सरकार के मंत्रिमंडल गठन में उलझा पेंच अब दिल्ली से ही हल होगा। इसके लिए सीएम डॉ. मोहन यादव गुरुवार को दिल्ली पहंचे। दिल्ली में भाजपा की राश्टरय बैठक के अलावा मंत्रिमंडल गठन को लेकर शीर्ष नेतृत्व से हरी झंडी लेना अहम है। इसके चलते अब प्रदेश की सियासत की दिल्ली पर निगाहें टिक गई हैं। वहीं, कुछ दिग्गज भी दिल्ली रवाना हुए। सीएम राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से भी मिले।
फॉर्मूला अभी तय नहीं
मंत्रिमंडल में अंचल, जाति व गुटीय समीकरणों को भी साधना है। इसमें नए व पुराने विधायकों को लेकर सबसे अधिक खींचतान है। भोपाल में मंत्री पद की दावेदारी से मामला उलझा है। अभी विश्रास सारंग मंत्री थे। अब कृष्णा गौर, रामेश्वर शर्मा, भगवानदास सबनानी व विष्णु खत्री दावेदार हैं। मंत्री एक ही होंगे। इंदौर में रमेश मेंदोला, मालिनी गौड़ दावेदार हैं। तुलसी सिलावट, अर्चना चिटनीस, ऊषा भी दावेदार हैं। डॉ. मोहन गुरुवार शाम को दिल्ली के लिए रवाना हुए। सीएम विधानसभा सत्र 4.25 बजे स्थगित होते ही स्टेट हैंगर चले गए। दिल्ली में उनकी केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात होनी है। सूत्रों की मानें तो मुलाकातों के बाद मंत्रिमंडल पर फैसला होगा। मंत्रमंडल गठन 23 दिसंबर के बाद होगा। सीएम ने दिल्ली में गुरुवार शाम मप्र के सांसदों नेता को भोज दिया। साथ ही 26 सांसद शामिल हुए।
ऐसे उलझा मामला
मामला दिग्गजों के कारण उलझा है। प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह और कैलाश विजयवर्गीय की भूमिका को लेकर| फैसला नहीं हो सका है। पहले इनहें मंत्री नहीं बनाने की लाइन थी। अब इन्हें मंत्री बनाने की उम्मीद बन गई। यह तय होना है कि प्रहलाद पटेल, राकेश सिंह और कैलाश विजयवर्गीय की क्या भूमिका रहेगी। वहीं रीति पाठक और राव उदयप्रताप सिंह का भी मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है। इन्हें भी अहम विभाग देने होंगे।
विभागों पर खींचतान होगी
इसके बाद नए सीएम डॉ. मोहन की पंसद के विधायकों को भी मत्रिमेडल में शामिल किया जाएगा। इसमें योदि इन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया जाता है, तो भी विभागों को लेकर खींचतान रहेगी। तीनों ही बड़े सियासी कद के नेता है, इस कारण इन्हें अहम विभाग देना होंगे।