क्या है ब्रेस्ट कैंसर?
ब्रेस्ट कैंसर, स्तन में कोशिकाओं के अनियंत्रित विकास से होने वाला एक गंभीर रोग है। यह महिलाओं में सबसे आम कैंसर है और मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है।
ब्रेस्ट कैंसर के प्रकार:
- इनवेसिव डक्टल कार्सिनोमा (IDC): सबसे आम प्रकार, दूध वाहिकाओं में शुरू होता है।
- इनवेसिव लॉब्युलर कार्सिनोमा (ILC): दूध उत्पादक ग्रंथियों में शुरू होता है।
- इन्फ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (IBC): त्वचा में सूजन और संतरे के छिलके जैसी दिखावट।
- ट्रिपल-नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर (TNBC): आक्रामक, विशिष्ट प्रोटीन की कमी।
ब्रेस्ट कैंसर के कारण:
- जेनेटिक्स: परिवार में इतिहास होने पर खतरा बढ़ता है।
- देर से मातृत्व या स्तनपान न कराना: हार्मोनल असंतुलन का खतरा।
- कार्सिनोजेनिक पदार्थ और विकिरण: डीएनए में उत्परिवर्तन का कारण।
- खराब जीवनशैली: मोटापा, धूम्रपान, शराब का सेवन।
ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण:
- स्तन में गांठ या मोटा होना
- निप्पल में बदलाव, स्तन के आकार या त्वचा में परिवर्तन
- निप्पल से खून या अन्य स्त्राव
- बगल में सूजन
ब्रेस्ट कैंसर का पता लगाना (डायग्नोसिस):
- मैमोग्राफी: स्तन का एक्स-रे।
- अल्ट्रासाउंड: ध्वनि तरंगों द्वारा इमेजिंग।
- एमआरआई: चुंबकीय क्षेत्र और रेडियो तरंगों द्वारा विस्तृत इमेजिंग।
- बायोप्सी: ऊतक का नमूना लेकर जांच।
ब्रेस्ट कैंसर का इलाज:
- सर्जरी: ट्यूमर और प्रभावित ऊतकों को हटाना।
- कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवाएं।
- रेडिएशन थेरेपी: उच्च ऊर्जा किरणों द्वारा कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करना।
- हार्मोन थेरेपी: हार्मोन-संवेदनशील कैंसर के लिए।
- टारगेटेड थेरेपी: विशिष्ट कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करने वाली दवाएं।
ब्रेस्ट कैंसर से बचाव:
- नियमित जांच: 40 वर्ष की आयु के बाद नियमित मैमोग्राफी कराएं।
- स्वस्थ जीवनशैली: संतुलित आहार लें, व्यायाम करें, वजन नियंत्रित रखें, धूम्रपान और शराब से दूर रहें।
- स्तनपान: यदि संभव हो तो स्तनपान कराएं।
- जागरूकता: ब्रेस्ट कैंसर के लक्षणों के प्रति सतर्क रहें और किसी भी असामान्यता पर डॉक्टर से परामर्श लें।
याद रखें: जल्दी पता लगाने से ब्रेस्ट कैंसर का सफल इलाज संभव है। अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहें और नियमित जांच कराएं।