MPTET वर्ग 2 चयन परीक्षा 2025 | UNIT 10 (इकाई 10) वर्ग 2 सदिश विश्लेषण एवं ज्यामिति Syllabus Change? MPTET VARG - 2 MAINS

Dharmendra Choudhary
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सदिश विश्लेषण एवं ज्यामिति : तीन एवं चार सदस्यों के आदिश एवं सदिश गुणन

आप सदिश विश्लेषण और ज्यामिति में तीन और चार सदस्यों के अदिश (Scalar) और सदिश (Vector) गुणन के बारे में जानना चाहते हैं। आइए इसे विस्तार से समझते हैं:


**अदिश गुणन (Scalar Product or Dot Product):**


दो सदिशों **a** और **b** का अदिश गुणन एक अदिश राशि होती है, जिसे **a ⋅ b** से दर्शाया जाता है और इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


**a ⋅ b** = |**a**| |**b**| cos θ


जहाँ |**a**| और |**b**| क्रमशः **a** और **b** के परिमाण हैं, और θ उनके बीच का कोण है।


*   **तीन सदस्यों का अदिश गुणन (Scalar Triple Product):** तीन सदिशों **a**, **b**, और **c** का अदिश त्रिक गुणन एक अदिश राशि होती है, जिसे [**a b c**] या **a ⋅ (b × c)** से दर्शाया जाता है और इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


    [**a b c**] = **a ⋅ (b × c)** = |a₁ a₂ a₃; b₁ b₂ b₃; c₁ c₂ c₃| (एक सारणिक)


    जहाँ a₁, a₂, a₃; b₁, b₂, b₃; और c₁, c₂, c₃ क्रमशः **a**, **b**, और **c** के घटक हैं।


    अदिश त्रिक गुणन का ज्यामितीय अर्थ समानांतर षट्फलक (parallelepiped) का आयतन है जिसकी भुजाएँ **a**, **b**, और **c** द्वारा बनाई जाती हैं।


*   **चार सदस्यों का अदिश गुणन (Scalar Quadruple Product):** चार सदिशों **a**, **b**, **c**, और **d** का अदिश चतुष्क गुणन को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:


    (**a × b**) ⋅ (**c × d**) = (**a ⋅ c**) (**b ⋅ d**) - (**a ⋅ d**) (**b ⋅ c**)


**सदिश गुणन (Vector Product or Cross Product):**


दो सदिशों **a** और **b** का सदिश गुणन एक सदिश राशि होती है, जिसे **a × b** से दर्शाया जाता है और इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


**a × b** = |**a**| |**b**| sin θ **n**


जहाँ |**a**| और |**b**| क्रमशः **a** और **b** के परिमाण हैं, θ उनके बीच का कोण है, और **n** एक मात्रक सदिश है जो **a** और **b** दोनों के लंबवत है और दाहिने हाथ के नियम का पालन करता है।


*   **तीन सदस्यों का सदिश गुणन (Vector Triple Product):** तीन सदिशों **a**, **b**, और **c** का सदिश त्रिक गुणन एक सदिश राशि होती है, जिसे **a × (b × c)** या (**a × b**) × **c** से दर्शाया जाता है।


    **a × (b × c)** = (**a ⋅ c**) **b** - (**a ⋅ b**) **c**


    (**a × b**) × **c** = (**a ⋅ c**) **b** - (**b ⋅ c**) **a**


    ध्यान दें कि सदिश त्रिक गुणन साहचर्य नहीं है, यानी **a × (b × c)** ≠ (**a × b**) × **c**।


*   **चार सदस्यों का सदिश गुणन (Vector Quadruple Product):** चार सदिशों **a**, **b**, **c**, और **d** का सदिश चतुष्क गुणन को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:


    (**a × b**) × (**c × d**) = [(**a × b**) ⋅ **d**] **c** - [(**a × b**) ⋅ **c**] **d**


**ज्यामितीय व्याख्या:**


*   अदिश गुणन दो सदिशों के बीच के कोण और उनके प्रक्षेप को मापने में मदद करता है।

*   सदिश गुणन दो सदिशों द्वारा बनाए गए समानांतर चतुर्भुज के क्षेत्रफल को मापने में मदद करता है।

*   अदिश त्रिक गुणन तीन सदिशों द्वारा बनाए गए समानांतर षट्फलक के आयतन को मापने में मदद करता है।


**उपयोग:**


अदिश और सदिश गुणन का उपयोग भौतिकी, इंजीनियरिंग, कंप्यूटर ग्राफिक्स, और कई अन्य क्षेत्रों में होता है। कुछ उदाहरण:


*   **भौतिकी:** कार्य (Work), बल आघूर्ण (Torque), चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic field) आदि की गणना।

*   **इंजीनियरिंग:** संरचनाओं का विश्लेषण, रोबोटिक्स, आदि।

*   **कंप्यूटर ग्राफिक्स:** 3D मॉडलिंग, प्रकाश व्यवस्था, आदि।


मुझे उम्मीद है कि यह व्याख्या आपको तीन और चार सदस्यों के अदिश और सदिश गुणन को समझने में मदद करेगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो कृपया पूछें।

व्युत्क्रम सदिश और सदिश अवकलन

आप "व्युत्क्रम सदिश" और "सदिश अवकलन" के बारे में जानना चाहते हैं। ये सदिश कलन (Vector Calculus) के महत्वपूर्ण भाग हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:


**व्युत्क्रम सदिश (Reciprocal Vectors):**


तीन असमतलीय सदिशों (Non-coplanar vectors) **a**, **b**, और **c** के लिए, व्युत्क्रम सदिश **a'**, **b'**, और **c'** इस प्रकार परिभाषित किए जाते हैं:


*   **a'** = (**b × c**) / [**a b c**]

*   **b'** = (**c × a**) / [**a b c**]

*   **c'** = (**a × b**) / [**a b c**]


जहाँ [**a b c**] सदिश **a**, **b**, और **c** का अदिश त्रिक गुणन (Scalar Triple Product) है, जो इस प्रकार दिया जाता है:


[**a b c**] = **a ⋅ (b × c)**


**व्युत्क्रम सदिशों के गुण (Properties of Reciprocal Vectors):**


1.  **a ⋅ a'** = **b ⋅ b'** = **c ⋅ c'** = 1

2.  **a ⋅ b'** = **a ⋅ c'** = **b ⋅ a'** = **b ⋅ c'** = **c ⋅ a'** = **c ⋅ b'** = 0

3.  यदि **a**, **b**, और **c** लंबकोणीय (Orthogonal) हैं, तो **a'** = **a** / |**a**|², **b'** = **b** / |**b**|², और **c'** = **c** / |**c**|² होगा।

4.  व्युत्क्रम सदिशों के व्युत्क्रम मूल सदिश होते हैं, यानी (**a'**)' = **a**, (**b'**)' = **b**, और (**c'**)' = **c**।


**सदिश अवकलन (Vector Differentiation):**


सदिश अवकलन में हम सदिश फलनों (Vector Functions) का अवकलन करते हैं। सदिश फलन एक ऐसा फलन होता है जिसका मान एक सदिश होता है।


**स्थिति सदिश का अवकलन (Differentiation of Position Vector):**


मान लीजिए कि **r**(t) एक कण का स्थिति सदिश है जो समय t पर गति कर रहा है।


*   **वेग (Velocity):** वेग **v**(t) स्थिति सदिश का समय के सापेक्ष अवकलज होता है:


    **v**(t) = d**r**/dt


*   **त्वरण (Acceleration):** त्वरण **a**(t) वेग का समय के सापेक्ष अवकलज होता है:


    **a**(t) = d**v**/dt = d²**r**/dt²


**अदिश क्षेत्र का ढाल (Gradient of a Scalar Field):**


एक अदिश क्षेत्र φ(x, y, z) का ढाल एक सदिश क्षेत्र होता है, जिसे ∇φ या grad φ से दर्शाया जाता है और इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


∇φ = (∂φ/∂x) **i** + (∂φ/∂y) **j** + (∂φ/∂z) **k**


जहाँ **i**, **j**, और **k** क्रमशः x, y, और z अक्षों की दिशा में इकाई सदिश हैं।


ढाल सदिश उस दिशा में इंगित करता है जिसमें अदिश क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ता है, और इसका परिमाण उस दर के बराबर होता है जिस पर यह उस दिशा में बढ़ता है।


**सदिश क्षेत्र का अपसरण (Divergence of a Vector Field):**


एक सदिश क्षेत्र **F**(x, y, z) = P**i** + Q**j** + R**k** का अपसरण एक अदिश क्षेत्र होता है, जिसे ∇⋅**F** या div **F** से दर्शाया जाता है और इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


∇⋅**F** = ∂P/∂x + ∂Q/∂y + ∂R/∂z


अपसरण एक बिंदु पर सदिश क्षेत्र के "स्रोत" या "सिंक" को मापता है।


**सदिश क्षेत्र का कर्ल (Curl of a Vector Field):**


एक सदिश क्षेत्र **F**(x, y, z) = P**i** + Q**j** + R**k** का कर्ल एक सदिश क्षेत्र होता है, जिसे ∇×**F** या curl **F** से दर्शाया जाता है और इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


∇×**F** = |**i** **j** **k**; ∂/∂x ∂/∂y ∂/∂z; P Q R|


कर्ल एक बिंदु पर सदिश क्षेत्र के "घूर्णन" को मापता है।


**उपयोग:**


व्युत्क्रम सदिश और सदिश अवकलन का उपयोग भौतिकी, इंजीनियरिंग, द्रव यांत्रिकी, विद्युत चुंबकत्व, और कई अन्य क्षेत्रों में होता है। कुछ उदाहरण:


*   **भौतिकी:** विद्युत और चुंबकीय क्षेत्रों का अध्ययन, द्रव प्रवाह का विश्लेषण।

*   **इंजीनियरिंग:** संरचनाओं का विश्लेषण, द्रव यांत्रिकी, ऊष्मा स्थानांतरण।

*   **कंप्यूटर ग्राफिक्स:** 3D मॉडलिंग, प्रकाश व्यवस्था।


मुझे उम्मीद है कि यह व्याख्या आपको व्युत्क्रम सदिश और सदिश अवकलन को समझने में मदद करेगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो कृपया पूछें।

ग्रेडियंट डायवर्जेंस एवं कार्ल

आप "ग्रेडियंट," "डायवर्जेंस," और "कर्ल" के बारे में जानना चाहते हैं। ये सदिश कलन (Vector Calculus) के मूलभूत अवधारणाएँ हैं और भौतिकी, इंजीनियरिंग, और कंप्यूटर ग्राफिक्स जैसे क्षेत्रों में व्यापक रूप से उपयोग किए जाते हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:


**1. ग्रेडियंट (Gradient):**


ग्रेडियंट एक अदिश क्षेत्र (Scalar Field) पर लागू होता है और इसका परिणाम एक सदिश क्षेत्र (Vector Field) होता है। सरल शब्दों में, यह हमें बताता है कि किसी अदिश क्षेत्र का मान किस दिशा में सबसे तेजी से बदल रहा है और किस दर से बदल रहा है।


*   **परिभाषा:** एक अदिश क्षेत्र φ(x, y, z) का ग्रेडियंट, जिसे ∇φ या grad φ से दर्शाया जाता है, इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


    ∇φ = (∂φ/∂x) **i** + (∂φ/∂y) **j** + (∂φ/∂z) **k**


    जहाँ:


    *   ∂φ/∂x, ∂φ/∂y, और ∂φ/∂z क्रमशः x, y, और z के सापेक्ष आंशिक अवकलज (Partial Derivatives) हैं।

    *   **i**, **j**, और **k** क्रमशः x, y, और z अक्षों की दिशा में इकाई सदिश (Unit Vectors) हैं।


*   **ज्यामितीय व्याख्या:** ग्रेडियंट सदिश उस दिशा में इंगित करता है जिसमें अदिश क्षेत्र सबसे तेजी से बढ़ता है, और इसका परिमाण उस दर के बराबर होता है जिस पर यह उस दिशा में बढ़ता है।


*   **उदाहरण:** मान लीजिए कि φ(x, y, z) = x² + yz एक अदिश क्षेत्र है। इसका ग्रेडियंट होगा:


    ∇φ = (2x) **i** + (z) **j** + (y) **k**


**2. डायवर्जेंस (Divergence):**


डायवर्जेंस एक सदिश क्षेत्र पर लागू होता है और इसका परिणाम एक अदिश क्षेत्र होता है। यह हमें बताता है कि किसी बिंदु पर सदिश क्षेत्र कितना "फैल" रहा है या "सिकुड़" रहा है।


*   **परिभाषा:** एक सदिश क्षेत्र **F**(x, y, z) = P**i** + Q**j** + R**k** का डायवर्जेंस, जिसे ∇⋅**F** या div **F** से दर्शाया जाता है, इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


    ∇⋅**F** = ∂P/∂x + ∂Q/∂y + ∂R/∂z


*   **ज्यामितीय व्याख्या:**


    *   यदि ∇⋅**F** > 0 है, तो बिंदु एक "स्रोत" है (सदिश क्षेत्र उस बिंदु से बाहर की ओर फैल रहा है)।

    *   यदि ∇⋅**F** < 0 है, तो बिंदु एक "सिंक" है (सदिश क्षेत्र उस बिंदु की ओर सिकुड़ रहा है)।

    *   यदि ∇⋅**F** = 0 है, तो सदिश क्षेत्र असम्पीड्य (Incompressible) है (न तो फैल रहा है और न ही सिकुड़ रहा है)।


*   **उदाहरण:** मान लीजिए कि **F**(x, y, z) = x**i** + y²**j** + z³**k** एक सदिश क्षेत्र है। इसका डायवर्जेंस होगा:


    ∇⋅**F** = 1 + 2y + 3z²


**3. कर्ल (Curl):**


कर्ल एक सदिश क्षेत्र पर लागू होता है और इसका परिणाम एक सदिश क्षेत्र होता है। यह हमें बताता है कि किसी बिंदु पर सदिश क्षेत्र कितना "घूर्णन" कर रहा है।


*   **परिभाषा:** एक सदिश क्षेत्र **F**(x, y, z) = P**i** + Q**j** + R**k** का कर्ल, जिसे ∇×**F** या curl **F** से दर्शाया जाता है, इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


    ∇×**F** = |**i** **j** **k**; ∂/∂x ∂/∂y ∂/∂z; P Q R|


    या,


    ∇×**F** = (∂R/∂y - ∂Q/∂z) **i** + (∂P/∂z - ∂R/∂x) **j** + (∂Q/∂x - ∂P/∂y) **k**


*   **ज्यामितीय व्याख्या:** कर्ल सदिश घूर्णन की अक्ष की दिशा में इंगित करता है, और इसका परिमाण घूर्णन की दर के बराबर होता है।


*   **उदाहरण:** मान लीजिए कि **F**(x, y, z) = y**i** + z**j** + x**k** एक सदिश क्षेत्र है। इसका कर्ल होगा:


    ∇×**F** = (-1) **i** + (-1) **j** + (-1) **k**


**महत्व और उपयोग:**


ग्रेडियंट, डायवर्जेंस, और कर्ल का उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जिनमें से कुछ मुख्य इस प्रकार हैं:


*   **भौतिकी:** विद्युत चुंबकत्व, द्रव यांत्रिकी, गुरुत्वाकर्षण, आदि का अध्ययन।

*   **इंजीनियरिंग:** द्रव प्रवाह का विश्लेषण, ऊष्मा स्थानांतरण, आदि।

*   **मौसम विज्ञान:** वायुमंडलीय प्रवाह का अध्ययन।

*   **कंप्यूटर ग्राफिक्स:** 3D मॉडलिंग, प्रकाश व्यवस्था, आदि।


संक्षेप में, ग्रेडियंट हमें बताता है कि अदिश क्षेत्र कैसे बदल रहा है, डायवर्जेंस हमें बताता है कि सदिश क्षेत्र कैसे फैल रहा है या सिकुड़ रहा है, और कर्ल हमें बताता है कि सदिश क्षेत्र कैसे घूर्णन कर रहा है। ये अवधारणाएँ विज्ञान और इंजीनियरिंग की कई शाखाओं में महत्वपूर्ण उपकरण हैं।

दिक अवजकल सदिश सर्वसमिकाएं एवं सदिश समीकरण


आप "दिक अवकल" (Directional Derivative), "सदिश सर्वसमिकाएँ" (Vector Identities), और "सदिश समीकरण" (Vector Equations) के बारे में जानना चाहते हैं। ये सदिश कलन (Vector Calculus) के महत्वपूर्ण भाग हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:


**1. दिक अवकल (Directional Derivative):**


दिक अवकल हमें बताता है कि किसी दिए गए दिशा में एक अदिश क्षेत्र (Scalar Field) या सदिश क्षेत्र (Vector Field) कितनी तेजी से बदल रहा है।


*   **अदिश क्षेत्र का दिक अवकल:** मान लीजिए कि φ(x, y, z) एक अदिश क्षेत्र है और **u** एक इकाई सदिश है। φ का **u** की दिशा में दिक अवकल को D<sub>**u**</sub>φ या ∇<sub>**u**</sub>φ से दर्शाया जाता है और इसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


    D<sub>**u**</sub>φ = ∇φ ⋅ **u**


    जहाँ ∇φ, φ का ग्रेडियंट है।


    सरल शब्दों में, दिक अवकल φ के ग्रेडियंट और दिशा सदिश **u** का अदिश गुणन है।


*   **सदिश क्षेत्र का दिक अवकल:** मान लीजिए कि **F**(x, y, z) एक सदिश क्षेत्र है और **u** एक इकाई सदिश है। **F** का **u** की दिशा में दिक अवकल एक सदिश होता है जिसे इस प्रकार परिभाषित किया जाता है:


    (D<sub>**u**</sub>**F**) = (**u** ⋅ ∇)**F**


    यहाँ (**u** ⋅ ∇) एक अदिश संकारक (scalar operator) है जो इस प्रकार परिभाषित है:


    (**u** ⋅ ∇) = u₁∂/∂x + u₂∂/∂y + u₃∂/∂z


    जहाँ u₁, u₂, और u₃ सदिश **u** के घटक हैं।


**2. सदिश सर्वसमिकाएँ (Vector Identities):**


सदिश सर्वसमिकाएँ सदिश बीजगणित (Vector Algebra) और सदिश कलन में उपयोगी समीकरण हैं। कुछ महत्वपूर्ण सर्वसमिकाएँ इस प्रकार हैं:


*   **वितरण नियम (Distributive Laws):**


    *   **a ⋅ (b + c)** = **a ⋅ b** + **a ⋅ c**

    *   **a × (b + c)** = **a × b** + **a × c**

    *   **(a + b) ⋅ c** = **a ⋅ c** + **b ⋅ c**

    *   **(a + b) × c** = **a × c** + **b × c**


*   **अदिश त्रिक गुणन (Scalar Triple Product):**


    *   [**a b c**] = **a ⋅ (b × c)** = **b ⋅ (c × a)** = **c ⋅ (a × b)**

    *   [**a b c**] = -[**b a c**] = -[**a c b**] = -[**c b a**]


*   **सदिश त्रिक गुणन (Vector Triple Product):**


    *   **a × (b × c)** = (**a ⋅ c**) **b** - (**a ⋅ b**) **c**

    *   **(a × b) × c** = (**a ⋅ c**) **b** - (**b ⋅ c**) **a**


*   **ग्रेडियंट, डायवर्जेंस, और कर्ल से संबंधित सर्वसमिकाएँ:**


    *   ∇(φψ) = φ∇ψ + ψ∇φ (जहाँ φ और ψ अदिश क्षेत्र हैं)

    *   ∇⋅(φ**F**) = φ(∇⋅**F**) + (∇φ) ⋅ **F** (जहाँ φ एक अदिश क्षेत्र है और **F** एक सदिश क्षेत्र है)

    *   ∇×(φ**F**) = φ(∇×**F**) + (∇φ) × **F**

    *   ∇⋅(∇×**F**) = 0 (किसी सदिश क्षेत्र का कर्ल का डायवर्जेंस शून्य होता है)

    *   ∇×(∇φ) = **0** (किसी अदिश क्षेत्र का ग्रेडियंट का कर्ल शून्य सदिश होता है)

    *   ∇×(∇×**F**) = ∇(∇⋅**F**) - ∇²**F** (जहाँ ∇² लाप्लासियन संकारक है)


**3. सदिश समीकरण (Vector Equations):**


सदिश समीकरण ऐसे समीकरण होते हैं जिनमें अज्ञात राशियाँ सदिश होती हैं। इन समीकरणों को हल करने के लिए सदिश बीजगणित और सदिश कलन के नियमों का उपयोग 

ग्रीन एवं स्टॉक की प्रमेय एवं इन पर आधारित प्रश्न

आप ग्रीन (Green's) और स्टोक्स (Stokes') प्रमेय और उन पर आधारित प्रश्नों के बारे में जानना चाहते हैं। ये दोनों प्रमेय सदिश कलन (Vector Calculus) में बहुत महत्वपूर्ण हैं और इनका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:

1. ग्रीन का प्रमेय (Green's Theorem):

ग्रीन का प्रमेय समतल में एक बंद वक्र के चारों ओर रेखा समाकलन (Line Integral) और उस वक्र द्वारा घिरे क्षेत्र पर दोहरा समाकलन (Double Integral) के बीच संबंध स्थापित करता है।

  • कथन: मान लीजिए C xy-तल में एक धनात्मक रूप से उन्मुख, खंडशः चिकना, सरल बंद वक्र है, और मान लीजिए D, C द्वारा घिरा क्षेत्र है। यदि P और Q, x और y के ऐसे फलन हैं जिनके पास D के एक खुले क्षेत्र में सतत आंशिक अवकलज हैं जिसमें C शामिल है, तो:

    ∮<sub>C</sub> (P dx + Q dy) = ∬<sub>D</sub> (∂Q/∂x - ∂P/∂y) dA

    जहाँ:

    • ∮<sub>C</sub> रेखा समाकलन को दर्शाता है जो वक्र C के चारों ओर लिया जाता है।
    • ∬<sub>D</sub> क्षेत्र D पर दोहरा समाकलन को दर्शाता है।
    • ∂Q/∂x, Q का x के सापेक्ष आंशिक अवकलज है।
    • ∂P/∂y, P का y के सापेक्ष आंशिक अवकलज है।
    • dA, क्षेत्र D का क्षेत्रफल अवयव है (dx dy या dy dx)।
  • उपयोग: ग्रीन का प्रमेय क्षेत्रफल ज्ञात करने, रेखा समाकलन को दोहरा समाकलन में बदलने और इसके विपरीत, और भौतिकी में विभिन्न समस्याओं को हल करने में उपयोगी है।

2. स्टोक्स का प्रमेय (Stokes' Theorem):

स्टोक्स का प्रमेय त्रिविम स्थान (Three-dimensional space) में एक सतह पर कर्ल (Curl) के पृष्ठीय समाकलन (Surface Integral) और उस सतह की सीमा के चारों ओर रेखा समाकलन के बीच संबंध स्थापित करता है। यह ग्रीन के प्रमेय का एक सामान्यीकरण है।

  • कथन: मान लीजिए S एक उन्मुख, चिकनी सतह है जिसकी सीमा एक धनात्मक रूप से उन्मुख, खंडशः चिकनी बंद वक्र C है। मान लीजिए F एक सदिश क्षेत्र है जिसके घटक ऐसे फलन हैं जिनके पास S के एक खुले क्षेत्र में सतत आंशिक अवकलज हैं जिसमें C शामिल है। तो:

    ∮<sub>C</sub> F ⋅ dr = ∬<sub>S</sub> (∇ × F) ⋅ n dS

    जहाँ:

    • ∮<sub>C</sub> रेखा समाकलन को दर्शाता है जो वक्र C के चारों ओर लिया जाता है।
    • ∬<sub>S</sub> सतह S पर पृष्ठीय समाकलन को दर्शाता है।
    • ∇ × F, F का कर्ल है।
    • n, S के लिए एक इकाई अभिलंब सदिश है।
    • dS, सतह S का क्षेत्रफल अवयव है।
  • उपयोग: स्टोक्स का प्रमेय द्रव गतिकी (Fluid Dynamics), विद्युत चुंबकत्व (Electromagnetism), और अन्य भौतिकी समस्याओं में उपयोगी है।

ग्रीन और स्टोक्स के प्रमेय में संबंध:

ग्रीन का प्रमेय स्टोक्स के प्रमेय का एक विशेष मामला है जहाँ सतह S xy-तल में स्थित होती है। इस स्थिति में, कर्ल का केवल z-घटक गैर-शून्य होता है, और स्टोक्स का प्रमेय ग्रीन के प्रमेय में बदल जाता है।

उदाहरण प्रश्न:

ग्रीन के प्रमेय पर आधारित:

  1. वक्र C के चारों ओर रेखा समाकलन ∮<sub>C</sub> (x²y dx + xy² dy) का मूल्यांकन करें, जहाँ C इकाई वृत्त x² + y² = 1 है।

    • ग्रीन के प्रमेय का उपयोग करके, हम इसे एक दोहरे समाकलन में बदल सकते हैं:

      ∬<sub>D</sub> (∂(xy²)/∂x - ∂(x²y)/∂y) dA = ∬<sub>D</sub> (y² - x²) dA

      जहाँ D इकाई वृत्त द्वारा घिरा क्षेत्र है। ध्रुवीय निर्देशांकों का उपयोग करके इस दोहरे समाकलन का मूल्यांकन किया जा सकता है।

स्टोक्स के प्रमेय पर आधारित:

  1. सदिश क्षेत्र F(x, y, z) = -yi + xj + zk के लिए, सतह S पर ∬<sub>S</sub> (∇ × F) ⋅ n dS का मूल्यांकन करें, जहाँ S, z = 4 - x² - y² द्वारा दिया गया परवलयज (paraboloid) z ≥ 0 का भाग है।

    • स्टोक्स के प्रमेय का उपयोग करके, हम इसे C के चारों ओर एक रेखा समाकलन में बदल सकते हैं, जहाँ C परवलयज की सीमा है, जो xy-तल में वृत्त x² + y² = 4 है।

निष्कर्ष:

ग्रीन और स्टोक्स के प्रमेय सदिश कलन में शक्तिशाली उपकरण हैं जो रेखा समाकलन और बहु समाकलन के बीच संबंध स्थापित करते हैं। इनका उपयोग विभिन्न गणितीय और भौतिक समस्याओं को हल करने में होता है। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो कृपया पूछें।


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