MPTET वर्ग 2 चयन परीक्षा 2025 | UNIT 4 (इकाई 4) वर्ग 2 Syllabus Change? MPTET VARG - 2 MAINS

Dharmendra Choudhary
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जैसा की आप सभी को पता है MPTET VARG 2 की चयन परीक्षा का नया सेलेब्स आ चुका है। और MPTET Varg 2 के चयन परीक्षा का स्तर थोड़ा बड़ा कर दिया गया है। इस बार शिक्षक चयन परीक्षा में 11वी और 12वी के साथ स्नातक स्तर सलेब्स जोड़ा गया। इसी लो देखते हुए हम MPTET VARG 2 MATH विषय का UNIT 4 इकाई 4 के सभी टॉपिक्स को कवर करते हुए यह लेख तैयार किया है। आप यहाँ से MPTET MATH VARG 2 के UNIT 4 के सभी चैप्टर को अच्छे से पढ़ सके 

हीरोन का सूत्र : त्रिभुज का क्षेत्रफल - हीरोन सूत्र के द्वारा -Heron's Formula : Area of ​​a Triangle - By Heron's Formula
हीरोन का सूत्र एक ऐसा सूत्र है जिसका उपयोग किसी त्रिभुज का क्षेत्रफल निकालने के लिए किया जाता है जब आपको उसकी तीनों भुजाओं की लंबाई पता हो। इस सूत्र का नाम अलेक्जेंड्रिया के हीरोन के नाम पर रखा गया है।
सूत्र:
यदि किसी त्रिभुज की भुजाएँ a, b, और c हैं, तो हीरोन का सूत्र इस प्रकार है:
क्षेत्रफल = √[s(s - a)(s - b)(s - c)]
जहाँ s त्रिभुज का अर्धपरिमाप है, जो इस प्रकार निकाला जाता है:
s = (a + b + c) / 2
उदाहरण:
मान लीजिए कि एक त्रिभुज की भुजाएँ 3 सेमी, 4 सेमी और 5 सेमी हैं। हीरोन के सूत्र का उपयोग करके इसका क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए, हम निम्नलिखित चरणों का पालन करेंगे:
* अर्धपरिमाप (s) ज्ञात करें:
   s = (3 + 4 + 5) / 2 = 6 सेमी
* सूत्र में मान रखें:
   क्षेत्रफल = √[6(6 - 3)(6 - 4)(6 - 5)]
   क्षेत्रफल = √[6(3)(2)(1)]
   क्षेत्रफल = √36
   क्षेत्रफल = 6 वर्ग सेमी
इसलिए, त्रिभुज का क्षेत्रफल 6 वर्ग सेमी है।
हीरोन के सूत्र का उपयोग कब करें?
हीरोन का सूत्र तब उपयोगी होता है जब आपको त्रिभुज की ऊँचाई ज्ञात नहीं होती है, लेकिन आपको उसकी तीनों भुजाओं की लंबाई पता होती है। यह विशेष रूप से विषमबाहु त्रिभुजों के लिए उपयोगी है, जहाँ ऊँचाई ज्ञात करना मुश्किल हो सकता है।
कुछ और बातें:
* हीरोन का सूत्र किसी भी प्रकार के त्रिभुज के लिए काम करता है, चाहे वह समबाहु, समद्विबाहु या विषमबाहु हो।
* हीरोन का सूत्र त्रिकोणमिति का उपयोग करके भी प्राप्त किया जा सकता है।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।

चतुर्भुजों के क्षेत्रफल ज्ञात करने में हीरोन के सूत्र का अनुप्रयोग -Application of Heron's formula in finding the areas of quadrilaterals
हीरोन का सूत्र, जैसा कि हमने पहले देखा, मुख्य रूप से त्रिभुजों का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन, चतुर्भुजों का क्षेत्रफल निकालने के लिए भी इसका एक अप्रत्यक्ष तरीका है। चतुर्भुज को दो त्रिभुजों में विभाजित करके और फिर प्रत्येक त्रिभुज का क्षेत्रफल हीरोन के सूत्र से ज्ञात करके हम पूरे चतुर्भुज का क्षेत्रफल निकाल सकते हैं।
विधि:
* चतुर्भुज को दो त्रिभुजों में विभाजित करें: किसी चतुर्भुज को विकर्ण खींचकर दो त्रिभुजों में विभाजित किया जा सकता है। एक चतुर्भुज ABCD में, AC या BD विकर्ण हो सकते हैं।
* प्रत्येक त्रिभुज की भुजाओं की लंबाई ज्ञात करें: आपको चतुर्भुज की चारों भुजाओं की लंबाई और विकर्ण की लंबाई पता होनी चाहिए।
* प्रत्येक त्रिभुज का क्षेत्रफल हीरोन के सूत्र से ज्ञात करें:
   * पहले त्रिभुज के लिए, भुजाओं a, b, और c का उपयोग करके अर्धपरिमाप (s₁) ज्ञात करें: s₁ = (a + b + c) / 2
   * फिर क्षेत्रफल ज्ञात करें: क्षेत्रफल₁ = √[s₁(s₁ - a)(s₁ - b)(s₁ - c)]
   * दूसरे त्रिभुज के लिए, भुजाओं d, e, और f का उपयोग करके अर्धपरिमाप (s₂) ज्ञात करें: s₂ = (d + e + f) / 2
   * फिर क्षेत्रफल ज्ञात करें: क्षेत्रफल₂ = √[s₂(s₂ - d)(s₂ - e)(s₂ - f)]
* दोनों त्रिभुजों के क्षेत्रफलों को जोड़ें: चतुर्भुज का क्षेत्रफल = क्षेत्रफल₁ + क्षेत्रफल₂
उदाहरण:
मान लीजिए कि हमारे पास एक चतुर्भुज ABCD है, जहाँ:
* AB = 5 सेमी
* BC = 6 सेमी
* CD = 4 सेमी
* DA = 3 सेमी
* विकर्ण AC = 7 सेमी
अब हम इस चतुर्भुज का क्षेत्रफल ज्ञात करेंगे:
* विभाजन: चतुर्भुज ABCD को विकर्ण AC द्वारा दो त्रिभुजों, ABC और ADC में विभाजित किया गया है।
* त्रिभुज ABC: भुजाएँ 5, 6, और 7 सेमी हैं।
   * s₁ = (5 + 6 + 7) / 2 = 9 सेमी
   * क्षेत्रफल₁ = √[9(9 - 5)(9 - 6)(9 - 7)] = √(9 × 4 × 3 × 2) = √216 ≈ 14.7 वर्ग सेमी
* त्रिभुज ADC: भुजाएँ 3, 4, और 7 सेमी हैं।
   * s₂ = (3 + 4 + 7) / 2 = 7 सेमी
   * क्षेत्रफल₂ = √[7(7 - 3)(7 - 4)(7 - 7)] = √(7 × 4 × 3 × 0) = 0 वर्ग सेमी
* चतुर्भुज का क्षेत्रफल: क्षेत्रफल = क्षेत्रफल₁ + क्षेत्रफल₂ = 14.7 + 0 ≈ 14.7 वर्ग सेमी
इस उदाहरण में, त्रिभुज ADC एक पतित त्रिभुज है (क्योंकि इसकी भुजाएँ 3, 4 और 7 हैं जो कि 3+4=7 हैं, यानी त्रिभुज नहीं बन सकता), इसलिए इसका क्षेत्रफल 0 है। इसलिए चतुर्भुज का क्षेत्रफल केवल त्रिभुज ABC के क्षेत्रफल के बराबर है।
ध्यान दें: यह विधि किसी भी प्रकार के चतुर्भुज के लिए काम करती है, चाहे वह उत्तल हो या अवतल।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी।
वृत्तों से संबंधित क्षेत्रफल : वृत्त का परिमाप और क्षेत्रफल - Areas Related to Circles : Perimeter and Area of ​​a Circle
वृत्त एक महत्वपूर्ण ज्यामितीय आकृति है और इसके परिमाप (परिधि) और क्षेत्रफल की गणना करना गणित में एक बुनियादी अवधारणा है।
1. वृत्त का परिमाप (परिधि):
वृत्त की परिधि उसकी बाहरी सीमा की लंबाई होती है। इसे 'परिमाप' भी कहा जाता है।
* सूत्र: परिधि (C) = 2πr
   * जहाँ 'r' वृत्त की त्रिज्या है और π (पाई) एक गणितीय स्थिरांक है जिसका मान लगभग 3.14159 होता है।
* उदाहरण: यदि किसी वृत्त की त्रिज्या 7 सेमी है, तो उसकी परिधि होगी:
   * C = 2 × π × 7
   * C ≈ 2 × 3.14159 × 7
   * C ≈ 43.98 सेमी
2. वृत्त का क्षेत्रफल:
वृत्त का क्षेत्रफल उसके द्वारा घेरे गए क्षेत्र का माप होता है।
* सूत्र: क्षेत्रफल (A) = πr²
   * जहाँ 'r' वृत्त की त्रिज्या है और π (पाई) का मान लगभग 3.14159 है।
* उदाहरण: यदि किसी वृत्त की त्रिज्या 7 सेमी है, तो उसका क्षेत्रफल होगा:
   * A = π × 7²
   * A ≈ 3.14159 × 49
   * A ≈ 153.94 वर्ग सेमी
त्रिज्या और व्यास का संबंध:
वृत्त का व्यास (d) उसकी त्रिज्या (r) का दोगुना होता है: d = 2r
इसलिए, यदि आपको व्यास दिया गया है, तो आप त्रिज्या ज्ञात कर सकते हैं: r = d/2
उदाहरण: यदि किसी वृत्त का व्यास 14 सेमी है, तो उसकी त्रिज्या 7 सेमी होगी और फिर आप ऊपर दिए गए सूत्रों का उपयोग करके परिधि और क्षेत्रफल ज्ञात कर सकते हैं।
कुछ और महत्वपूर्ण बातें:
* यदि आपको वृत्त का क्षेत्रफल दिया गया है और आपको त्रिज्या ज्ञात करनी है, तो आप इस सूत्र का उपयोग कर सकते हैं: r = √(A/π)
* इसी तरह, यदि आपको परिधि दी गई है और त्रिज्या ज्ञात करनी है, तो आप इस सूत्र का उपयोग कर सकते हैं: r = C/(2π)
सारांश तालिका:
| गुण | सूत्र |
|---|---|
| परिधि | C = 2πr |
| क्षेत्रफल | A = πr² |
| व्यास | d = 2r |
| त्रिज्या (क्षेत्रफल से) | r = √(A/π) |
| त्रिज्या (परिधि से) | r = C/(2π) |
ये सूत्र और अवधारणाएँ वृत्तों से संबंधित समस्याओं को हल करने में आपकी मदद करेंगी।
त्रिज्यखंड और वृत्तखंड के क्षेत्रफल -Area of ​​sector and segment of circle
त्रिज्यखंड और वृत्तखंड वृत्त के दो महत्वपूर्ण भाग हैं। इनके क्षेत्रफल की गणना करना ज्यामिति में एक आम समस्या है। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:
1. त्रिज्यखंड (Sector):
त्रिज्यखंड वृत्त का वह भाग होता है जो दो त्रिज्याओं और उनके बीच के चाप से घिरा होता है।
* त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र:
   क्षेत्रफल (A) = (θ/360°) × πr²
   जहाँ:
   * θ (थीटा) केंद्र पर बना कोण (डिग्री में) है।
   * r वृत्त की त्रिज्या है।
   * π (पाई) का मान लगभग 3.14159 होता है।
* उदाहरण: मान लीजिए एक वृत्त की त्रिज्या 7 सेमी है और केंद्र पर बना कोण 60° है, तो त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल होगा:
   A = (60°/360°) × π × 7²
   A = (1/6) × π × 49
   A ≈ (1/6) × 3.14159 × 49
   A ≈ 25.66 वर्ग सेमी
2. वृत्तखंड (Segment):
वृत्तखंड वृत्त का वह भाग होता है जो एक जीवा (chord) और उसके द्वारा काटे गए चाप से घिरा होता है।
* वृत्तखंड का क्षेत्रफल ज्ञात करने का सूत्र:
   वृत्तखंड का क्षेत्रफल = त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल - त्रिभुज का क्षेत्रफल
   यहाँ, त्रिभुज वह है जो जीवा और वृत्त के केंद्र को मिलाने वाली दो त्रिज्याओं से बनता है।
* त्रिभुज का क्षेत्रफल ज्ञात करने के तरीके:
   * यदि केंद्र पर बना कोण θ दिया गया है, तो त्रिभुज का क्षेत्रफल = (1/2)r²sinθ
   * यदि त्रिभुज की ऊँचाई (h) और आधार (जीवा की लंबाई) ज्ञात है, तो क्षेत्रफल = (1/2) × आधार × ऊँचाई
* उदाहरण: मान लीजिए एक वृत्त की त्रिज्या 7 सेमी है और केंद्र पर बना कोण 60° है। हमें वृत्तखंड का क्षेत्रफल ज्ञात करना है:
   * त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल: जैसा कि ऊपर गणना की गई है, यह लगभग 25.66 वर्ग सेमी है।
   * त्रिभुज का क्षेत्रफल:
     त्रिभुज का क्षेत्रफल = (1/2) × 7² × sin60°
     = (1/2) × 49 × (√3/2)
     ≈ 21.22 वर्ग सेमी
   * वृत्तखंड का क्षेत्रफल:
     वृत्तखंड का क्षेत्रफल = 25.66 - 21.22
     ≈ 4.44 वर्ग सेमी
सारांश तालिका:
| भाग | सूत्र |
|---|---|
| त्रिज्यखंड | (θ/360°) × πr² |
| वृत्तखंड | त्रिज्यखंड का क्षेत्रफल - त्रिभुज का क्षेत्रफल |
कुछ और महत्वपूर्ण बातें:
* यदि केंद्र पर बना कोण 180° है, तो त्रिज्यखंड अर्धवृत्त बन जाता है।
* यदि केंद्र पर बना कोण 360° है, तो त्रिज्यखंड पूरा वृत्त बन जाता है।
यह जानकारी आपको त्रिज्यखंड और वृत्तखंड के क्षेत्रफल की गणना करने में मदद करेगी। यदि आपके पास कोई और प्रश्न है तो पूछने में संकोच न करें।
समतल आकृति के संयोजनों के क्षेत्रफल - Areas of combinations of plane figures
समतल आकृतियों के संयोजनों का क्षेत्रफल निकालने का मतलब है कि जब दो या दो से अधिक समतल आकृतियाँ जैसे वर्ग, आयत, वृत्त, त्रिभुज आदि एक साथ मिलकर एक नई आकृति बनाती हैं, तो उस नई आकृति का क्षेत्रफल ज्ञात करना।
मूल अवधारणा:
संयोजन का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए, हमें अलग-अलग आकृतियों के क्षेत्रफलों को जोड़ना या घटाना होता है, जो उस संयोजन को बनाते हैं।
विभिन्न प्रकार के संयोजन और उन्हें हल करने के तरीके:
* जोड़ द्वारा संयोजन: जब आकृतियाँ एक-दूसरे से जुड़कर एक बड़ी आकृति बनाती हैं, तो उनके क्षेत्रफलों को जोड़ा जाता है।
   * उदाहरण: एक आयत और एक अर्धवृत्त मिलकर एक आकृति बनाते हैं। इस आकृति का क्षेत्रफल निकालने के लिए, आयत के क्षेत्रफल और अर्धवृत्त के क्षेत्रफल को जोड़ दिया जाएगा।
* घटाव द्वारा संयोजन: जब एक आकृति से दूसरी आकृति को काटकर निकाला जाता है, तो बड़ी आकृति के क्षेत्रफल में से छोटी आकृति के क्षेत्रफल को घटाया जाता है।
   * उदाहरण: एक वर्ग में से एक वृत्त काटा जाता है। शेष भाग का क्षेत्रफल निकालने के लिए, वर्ग के क्षेत्रफल में से वृत्त के क्षेत्रफल को घटाया जाएगा।
उदाहरण सहित विस्तृत व्याख्या:
उदाहरण 1: जोड़ द्वारा संयोजन
एक आयत जिसकी लंबाई 10 सेमी और चौड़ाई 5 सेमी है, उसके ऊपर एक अर्धवृत्त बना हुआ है जिसका व्यास आयत की चौड़ाई के बराबर है। इस संयुक्त आकृति का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
* आयत का क्षेत्रफल: लंबाई × चौड़ाई = 10 सेमी × 5 सेमी = 50 वर्ग सेमी
* अर्धवृत्त का व्यास: 5 सेमी (आयत की चौड़ाई के बराबर)
* अर्धवृत्त की त्रिज्या: व्यास/2 = 5 सेमी/2 = 2.5 सेमी
* अर्धवृत्त का क्षेत्रफल: (1/2) × π × त्रिज्या² = (1/2) × π × (2.5)² ≈ 9.82 वर्ग सेमी
* संयुक्त आकृति का क्षेत्रफल: आयत का क्षेत्रफल + अर्धवृत्त का क्षेत्रफल = 50 वर्ग सेमी + 9.82 वर्ग सेमी ≈ 59.82 वर्ग सेमी
उदाहरण 2: घटाव द्वारा संयोजन
एक 7 सेमी भुजा वाले वर्ग में एक 3 सेमी त्रिज्या वाला वृत्त काटा जाता है। शेष भाग का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
* वर्ग का क्षेत्रफल: भुजा² = 7 सेमी × 7 सेमी = 49 वर्ग सेमी
* वृत्त का क्षेत्रफल: π × त्रिज्या² = π × (3)² ≈ 28.27 वर्ग सेमी
* शेष भाग का क्षेत्रफल: वर्ग का क्षेत्रफल - वृत्त का क्षेत्रफल = 49 वर्ग सेमी - 28.27 वर्ग सेमी ≈ 20.73 वर्ग सेमी
महत्वपूर्ण बातें:
* संयोजन में शामिल प्रत्येक आकृति के क्षेत्रफल का सूत्र याद रखें।
* ध्यान से देखें कि आकृतियाँ कैसे जुड़ी हुई हैं या काटी गई हैं।
* सही इकाइयों (वर्ग सेमी, वर्ग मीटर आदि) का उपयोग करें।
कुछ और उदाहरण:
* एक त्रिभुज और एक वर्ग मिलकर एक घर का आकार बनाते हैं।
* एक आयत में से चार कोनों से चार वृत्त काटे जाते हैं।
* एक वृत्त के अंदर एक वर्ग बना हुआ है।
इन उदाहरणों से आपको समतल आकृतियों के संयोजनों के क्षेत्रफल की गणना करने की मूल अवधारणा समझने में मदद मिलेगी। किसी भी जटिल आकृति को सरल आकृतियों में तोड़कर और फिर उनके क्षेत्रफलों को जोड़कर या घटाकर आप कुल क्षेत्रफल ज्ञात कर सकते हैं।
पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन :घनाभ और घन के पृष्ठीय क्षेत्रफल : Surface area and volume :Surface area of ​​cuboid and cube
पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन ठोस आकृतियों के दो महत्वपूर्ण माप हैं। इस लेख में, हम घनाभ और घन के पृष्ठीय क्षेत्रफल पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
1. घनाभ (Cuboid):
घनाभ एक त्रिविमीय आकृति है जिसके छह फलक आयताकार होते हैं। एक माचिस की डिब्बी, ईंट या कमरा घनाभ के उदाहरण हैं।
* घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल:
   घनाभ का पृष्ठीय क्षेत्रफल उसके सभी छह फलकों के क्षेत्रफलों का योग होता है।
   * सूत्र: पृष्ठीय क्षेत्रफल (SA) = 2(lb + bh + hl)
     जहाँ:
     * l = लंबाई
     * b = चौड़ाई
     * h = ऊँचाई
   * उदाहरण: एक घनाभ की लंबाई 8 सेमी, चौड़ाई 5 सेमी और ऊँचाई 3 सेमी है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
     SA = 2(8 × 5 + 5 × 3 + 3 × 8)
     SA = 2(40 + 15 + 24)
     SA = 2(79)
     SA = 158 वर्ग सेमी
* घनाभ का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल:
   घनाभ का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल उसके चार पार्श्व फलकों (ऊपर और नीचे के फलकों को छोड़कर) के क्षेत्रफलों का योग होता है।
   * सूत्र: पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2h(l + b)
2. घन (Cube):
घन एक विशेष प्रकार का घनाभ होता है जिसके सभी फलक वर्गाकार होते हैं और सभी भुजाएँ बराबर होती हैं। एक पासा घन का एक उदाहरण है।
* घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल:
   घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल उसके सभी छह फलकों के क्षेत्रफलों का योग होता है। चूँकि घन के सभी फलक वर्ग होते हैं और उनकी भुजाएँ बराबर होती हैं, इसलिए इसका सूत्र सरल है:
   * सूत्र: पृष्ठीय क्षेत्रफल (SA) = 6a²
     जहाँ:
     * a = भुजा की लंबाई
   * उदाहरण: एक घन की भुजा 4 सेमी है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
     SA = 6 × 4²
     SA = 6 × 16
     SA = 96 वर्ग सेमी
* घन का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल:
   घन का पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल उसके चार पार्श्व फलकों के क्षेत्रफलों का योग होता है।
   * सूत्र: पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल = 4a²
सारांश तालिका:
| आकृति | पृष्ठीय क्षेत्रफल का सूत्र | पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल का सूत्र |
|---|---|---|
| घनाभ | 2(lb + bh + hl) | 2h(l + b) |
| घन | 6a² | 4a² |
कुछ महत्वपूर्ण बातें:
* पृष्ठीय क्षेत्रफल को हमेशा वर्ग इकाइयों (जैसे वर्ग सेमी, वर्ग मीटर) में मापा जाता है।
* घनाभ और घन के पृष्ठीय क्षेत्रफल की अवधारणा का उपयोग दैनिक जीवन में कई स्थितियों में किया जाता है, जैसे कि बक्से बनाने में, कमरों की दीवारों को रंगने में, आदि।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो पूछने में संकोच न करें।

एक लंब वृत्तीय बेलन का पृष्ठीय क्षेत्रफल -Surface area of ​​a right circular cylinder
एक लंब वृत्तीय बेलन (right circular cylinder) एक त्रि-आयामी ज्यामितीय आकृति है जिसके दो वृत्ताकार आधार होते हैं जो एक दूसरे के समानांतर और सर्वांगसम होते हैं, और एक वक्र पृष्ठ होता है जो इन आधारों को जोड़ता है।
पृष्ठीय क्षेत्रफल की अवधारणा:
किसी भी ठोस आकृति का पृष्ठीय क्षेत्रफल उसके सभी बाहरी तलों के क्षेत्रफलों का योग होता है। बेलन के मामले में, इसमें दो वृत्ताकार आधारों का क्षेत्रफल और वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल शामिल होता है।
सूत्र:
एक लंब वृत्तीय बेलन का पृष्ठीय क्षेत्रफल (SA) ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है:
SA = 2πr(r + h)
जहाँ:
* r = बेलन की त्रिज्या (radius)
* h = बेलन की ऊँचाई (height)
* π (पाई) एक गणितीय स्थिरांक है जिसका मान लगभग 3.14159 होता है।
सूत्र की व्याख्या:
* 2πr²: यह भाग दोनों वृत्ताकार आधारों के क्षेत्रफलों का योग है। प्रत्येक वृत्त का क्षेत्रफल πr² होता है, और चूँकि दो वृत्त हैं, इसलिए इसे 2 से गुणा किया जाता है।
* 2πrh: यह भाग वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल है। यदि आप बेलन के वक्र पृष्ठ को खोलते हैं, तो यह एक आयत बन जाता है जिसकी लंबाई 2πr (आधार की परिधि) और चौड़ाई h (बेलन की ऊँचाई) होती है। इसलिए, आयत का क्षेत्रफल 2πrh होता है।
उदाहरण:
मान लीजिए कि एक बेलन की त्रिज्या 7 सेमी और ऊँचाई 10 सेमी है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
SA = 2π × 7 × (7 + 10)
SA = 14π × 17
SA = 238π
SA ≈ 238 × 3.14159
SA ≈ 747.7 वर्ग सेमी
इसलिए, बेलन का पृष्ठीय क्षेत्रफल लगभग 747.7 वर्ग सेमी है।
पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल:
कभी-कभी आपको केवल बेलन के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए कहा जा सकता है, जिसे पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल (Lateral Surface Area - LSA) कहा जाता है। इसका सूत्र इस प्रकार है:
LSA = 2πrh
उपरोक्त उदाहरण में, पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल होगा:
LSA = 2π × 7 × 10
LSA = 140π
LSA ≈ 439.8 वर्ग सेमी
महत्वपूर्ण बातें:
* पृष्ठीय क्षेत्रफल को हमेशा वर्ग इकाइयों (जैसे वर्ग सेमी, वर्ग मीटर) में मापा जाता है।
* त्रिज्या और ऊँचाई की इकाइयाँ समान होनी चाहिए।
* यदि आपको व्यास दिया गया है, तो त्रिज्या ज्ञात करने के लिए इसे 2 से विभाजित करें (r = व्यास/2)।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो पूछने में संकोच न करें।
एक लंब वृत्तीय शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल -Surface area of ​​a right circular cone
एक लंब वृत्तीय शंकु (Right Circular Cone) एक त्रि-आयामी ज्यामितीय आकार होता है जिसका एक वृत्ताकार आधार और एक वक्र पृष्ठ होता है जो एक शीर्ष (Vertex) पर मिलता है।
पृष्ठीय क्षेत्रफल की अवधारणा:
शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल उसके सभी बाहरी तलों के क्षेत्रफलों का योग होता है। इसमें वृत्ताकार आधार का क्षेत्रफल और वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल शामिल होता है।
शंकु के भाग:
* त्रिज्या (r): वृत्ताकार आधार की त्रिज्या।
* ऊँचाई (h): शीर्ष से आधार के केंद्र तक की लंबवत दूरी।
* तिरछी ऊँचाई (l): शीर्ष से आधार की परिधि पर किसी बिंदु तक की दूरी। इसे तिर्यक ऊँचाई भी कहते हैं।
सूत्र:
एक लंब वृत्तीय शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल (SA) ज्ञात करने के दो मुख्य सूत्र हैं:
* कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल (Total Surface Area):
   SA = πr(l + r)
   जहाँ:
   * π (पाई) एक गणितीय स्थिरांक है जिसका मान लगभग 3.14159 होता है।
   * r = आधार की त्रिज्या
   * l = तिरछी ऊँचाई
* पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल (Lateral Surface Area):
   यह केवल वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल होता है, आधार को छोड़कर।
   LSA = πrl
तिरछी ऊँचाई ज्ञात करना:
यदि आपको ऊँचाई (h) और त्रिज्या (r) दी गई हैं, तो आप पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करके तिरछी ऊँचाई (l) ज्ञात कर सकते हैं:
l = √(r² + h²)
उदाहरण:
मान लीजिए एक शंकु की त्रिज्या 6 सेमी और ऊँचाई 8 सेमी है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
* तिरछी ऊँचाई ज्ञात करें:
   l = √(6² + 8²)
   l = √(36 + 64)
   l = √100
   l = 10 सेमी
* कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करें:
   SA = π × 6 × (10 + 6)
   SA = 6π × 16
   SA = 96π
   SA ≈ 96 × 3.14159
   SA ≈ 301.59 वर्ग सेमी
* पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करें:
   LSA = π × 6 × 10
   LSA = 60π
   LSA ≈ 60 × 3.14159
   LSA ≈ 188.50 वर्ग सेमी
इसलिए, शंकु का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल लगभग 301.59 वर्ग सेमी और पार्श्व पृष्ठीय क्षेत्रफल लगभग 188.50 वर्ग सेमी है।
महत्वपूर्ण बातें:
* पृष्ठीय क्षेत्रफल को हमेशा वर्ग इकाइयों (जैसे वर्ग सेमी, वर्ग मीटर) में मापा जाता है।
* त्रिज्या, ऊँचाई और तिरछी ऊँचाई की इकाइयाँ समान होनी चाहिए।
* यदि आपको व्यास दिया गया है, तो त्रिज्या ज्ञात करने के लिए इसे 2 से विभाजित करें (r = व्यास/2)।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो पूछने में संकोच न करें।
गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल -Surface Area of ​​a Sphere
गोला एक पूर्णतः गोल त्रि-आयामी ज्यामितीय आकृति है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल इसके बाहरी सतह का कुल क्षेत्रफल होता है।
सूत्र:
गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल (A) ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है:
A = 4πr²
जहाँ:
* π (पाई) एक गणितीय स्थिरांक है जिसका मान लगभग 3.14159 होता है।
* r गोले की त्रिज्या है।
उदाहरण:
मान लीजिए एक गोले की त्रिज्या 7 सेमी है। इसका पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
A = 4 × π × (7)²
A = 4 × π × 49
A = 196π
A ≈ 196 × 3.14159
A ≈ 615.75 वर्ग सेमी
इसलिए, गोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल लगभग 615.75 वर्ग सेमी है।
व्यास से पृष्ठीय क्षेत्रफल:
यदि आपको गोले का व्यास (d) दिया गया है, तो आप त्रिज्या ज्ञात करने के लिए इसे 2 से विभाजित कर सकते हैं (r = d/2), और फिर उपरोक्त सूत्र का उपयोग करके पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए, यदि एक गोले का व्यास 14 सेमी है, तो त्रिज्या 7 सेमी होगी, और पृष्ठीय क्षेत्रफल वही होगा जो ऊपर गणना की गई है (लगभग 615.75 वर्ग सेमी)।
अर्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल:
एक अर्धगोला एक गोले का आधा भाग होता है। अर्धगोले का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए, आपको दो भागों पर विचार करना होगा:
* वक्र पृष्ठ: यह गोले के आधे भाग का क्षेत्रफल होता है, जो कि 2πr² है।
* वृत्ताकार आधार: यह अर्धगोले का समतल भाग होता है, जिसका क्षेत्रफल πr² है।
इसलिए, अर्धगोले का कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल होगा:
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = वक्र पृष्ठ + वृत्ताकार आधार
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 2πr² + πr²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 3πr²
उदाहरण के लिए, यदि एक अर्धगोले की त्रिज्या 7 सेमी है, तो इसका कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल होगा:
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 3 × π × (7)²
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 3 × π × 49
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल = 147π
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ≈ 147 × 3.14159
कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ≈ 462 वर्ग सेमी
महत्वपूर्ण बातें:
* पृष्ठीय क्षेत्रफल को हमेशा वर्ग इकाइयों (जैसे वर्ग सेमी, वर्ग मीटर) में मापा जाता है।
* त्रिज्या और व्यास की इकाइयाँ समान होनी चाहिए।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो पूछने में संकोच न करें।
घनाभ का आयतन - Volume of a Cuboid
घनाभ एक त्रिविमीय (3D) आकार होता है जिसके छह आयताकार फलक होते हैं। माचिस की डिब्बी, ईंट, कमरा, किताब आदि घनाभ के उदाहरण हैं।
घनाभ का आयतन:
घनाभ का आयतन उसके द्वारा घेरे गए त्रिविमीय स्थान की मात्रा होती है। इसे घन इकाइयों (जैसे घन सेमी, घन मीटर) में मापा जाता है।
सूत्र:
घनाभ का आयतन (V) ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है:
V = l × b × h
जहाँ:
* l = लंबाई (Length)
* b = चौड़ाई (Breadth या Width)
* h = ऊँचाई (Height)
सूत्र की व्याख्या:
आप कल्पना कर सकते हैं कि घनाभ को छोटी-छोटी घन इकाइयों से भरा जा रहा है। लंबाई (l) बताती है कि आप एक पंक्ति में कितने घन रख सकते हैं, चौड़ाई (b) बताती है कि आप ऐसी कितनी पंक्तियाँ रख सकते हैं, और ऊँचाई (h) बताती है कि आप ऐसी कितनी परतें रख सकते हैं। इन तीनों को गुणा करने से आपको कुल घनों की संख्या मिलती है, जो कि घनाभ का आयतन है।
उदाहरण:
मान लीजिए कि एक घनाभ की लंबाई 8 सेमी, चौड़ाई 5 सेमी और ऊँचाई 3 सेमी है। इसका आयतन ज्ञात कीजिए।
V = 8 सेमी × 5 सेमी × 3 सेमी
V = 120 घन सेमी
इसलिए, घनाभ का आयतन 120 घन सेमी है।
कुछ और उदाहरण:
* यदि एक घनाभ की लंबाई 10 मीटर, चौड़ाई 4 मीटर और ऊँचाई 2 मीटर है, तो इसका आयतन 10 × 4 × 2 = 80 घन मीटर होगा।
* यदि एक घन (जिसकी सभी भुजाएँ बराबर होती हैं) की भुजा 5 सेमी है, तो इसका आयतन 5 × 5 × 5 = 125 घन सेमी होगा। घन भी एक प्रकार का घनाभ ही होता है।
महत्वपूर्ण बातें:
* आयतन को हमेशा घन इकाइयों में मापा जाता है (जैसे घन सेमी, घन मीटर, घन फीट आदि)।
* लंबाई, चौड़ाई और ऊँचाई की इकाइयाँ समान होनी चाहिए। यदि वे भिन्न हैं, तो उन्हें गणना करने से पहले एक ही इकाई में बदलना होगा। उदाहरण के लिए, यदि लंबाई मीटर में है और चौड़ाई सेंटीमीटर में है, तो आपको या तो लंबाई को सेंटीमीटर में बदलना होगा या चौड़ाई को मीटर में।
दैनिक जीवन में उपयोग:
घनाभ के आयतन की अवधारणा का उपयोग दैनिक जीवन में कई स्थितियों में किया जाता है, जैसे:
* किसी बक्से या कंटेनर में कितनी वस्तुएँ आ सकती हैं, यह ज्ञात करने में।
* किसी कमरे में कितनी हवा है, यह ज्ञात करने में।
* किसी इमारत के निर्माण में लगने वाली सामग्री की मात्रा का अनुमान लगाने में।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो पूछने में संकोच न करें।
बेलन का आयतन -Volume of a cylinder
बेलन एक त्रि-आयामी ज्यामितीय आकार होता है जिसके दो वृत्ताकार आधार होते हैं जो एक दूसरे के समानांतर और सर्वांगसम होते हैं, और एक वक्र पृष्ठ होता है जो इन आधारों को जोड़ता है। दैनिक जीवन में, आप पाइप, टिन के डिब्बे, और पानी के टैंक जैसी कई बेलनाकार वस्तुएँ देखते हैं।
बेलन का आयतन:
बेलन का आयतन उसके द्वारा घेरे गए त्रिविमीय स्थान की मात्रा होती है। इसे घन इकाइयों (जैसे घन सेमी, घन मीटर) में मापा जाता है।
सूत्र:
बेलन का आयतन (V) ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है:
V = πr²h
जहाँ:
* π (पाई) एक गणितीय स्थिरांक है जिसका मान लगभग 3.14159 होता है।
* r = बेलन के आधार की त्रिज्या (Radius)
* h = बेलन की ऊँचाई (Height)
सूत्र की व्याख्या:
आप कल्पना कर सकते हैं कि बेलन को वृत्ताकार परतों से बनाया गया है। प्रत्येक परत का क्षेत्रफल πr² होता है (जो वृत्त का क्षेत्रफल है)। ऊँचाई (h) बताती है कि ऐसी कितनी परतें एक के ऊपर एक रखी गई हैं। इसलिए, वृत्त के क्षेत्रफल (πr²) को ऊँचाई (h) से गुणा करने पर हमें बेलन का कुल आयतन मिलता है।
उदाहरण 1:
मान लीजिए कि एक बेलन की त्रिज्या 7 सेमी और ऊँचाई 10 सेमी है। इसका आयतन ज्ञात कीजिए।
V = π × (7 सेमी)² × 10 सेमी
V = π × 49 सेमी² × 10 सेमी
V = 490π घन सेमी
V ≈ 490 × 3.14159
V ≈ 1539.38 घन सेमी
इसलिए, बेलन का आयतन लगभग 1539.38 घन सेमी है।
उदाहरण 2 (जब व्यास दिया गया हो):
मान लीजिए कि एक बेलन का व्यास 14 मीटर और ऊँचाई 20 मीटर है। इसका आयतन ज्ञात कीजिए।
सबसे पहले, हमें त्रिज्या ज्ञात करनी होगी। त्रिज्या व्यास की आधी होती है:
r = व्यास / 2
r = 14 मीटर / 2
r = 7 मीटर
अब हम आयतन ज्ञात कर सकते हैं:
V = π × (7 मीटर)² × 20 मीटर
V = π × 49 मीटर² × 20 मीटर
V = 980π घन मीटर
V ≈ 980 × 3.14159
V ≈ 3078.76 घन मीटर
इसलिए, बेलन का आयतन लगभग 3078.76 घन मीटर है।
महत्वपूर्ण बातें:
* आयतन को हमेशा घन इकाइयों में मापा जाता है (जैसे घन सेमी, घन मीटर, घन फीट आदि)।
* त्रिज्या और ऊँचाई की इकाइयाँ समान होनी चाहिए। यदि वे भिन्न हैं, तो उन्हें गणना करने से पहले एक ही इकाई में बदलना होगा।
* यदि आपको आधार का क्षेत्रफल दिया गया है, तो आप सीधे इस सूत्र का उपयोग कर सकते हैं: V = आधार का क्षेत्रफल × ऊँचाई
दैनिक जीवन में उपयोग:
बेलन के आयतन की अवधारणा का उपयोग दैनिक जीवन में कई स्थितियों में किया जाता है, जैसे:
* किसी टैंक या कंटेनर में कितना तरल पदार्थ आ सकता है, यह ज्ञात करने में।
* पाइप से बहने वाले पानी की मात्रा का अनुमान लगाने में।
* भवन निर्माण में उपयोग होने वाली बेलनाकार वस्तुओं (जैसे खंभे) की मात्रा का अनुमान लगाने में।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो पूछने में संकोच न करें।
लंब वृत्तीय शंकु का आयतन -Volume of a Right Circular Cone
एक लंब वृत्तीय शंकु (Right Circular Cone) एक त्रि-आयामी ज्यामितीय आकार होता है जिसका एक वृत्ताकार आधार और एक वक्र पृष्ठ होता है जो एक शीर्ष (Vertex) पर मिलता है। बर्थडे कैप, आइसक्रीम कोन, और टेंट शंकु के कुछ उदाहरण हैं।
शंकु का आयतन:
शंकु का आयतन उसके द्वारा घेरे गए त्रिविमीय स्थान की मात्रा होती है। इसे घन इकाइयों (जैसे घन सेमी, घन मीटर) में मापा जाता है।
सूत्र:
शंकु का आयतन (V) ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है:
V = (1/3)πr²h
जहाँ:
* π (पाई) एक गणितीय स्थिरांक है जिसका मान लगभग 3.14159 होता है।
* r = शंकु के आधार की त्रिज्या (Radius)
* h = शंकु की ऊँचाई (Height), जो शीर्ष से आधार के केंद्र तक की लंबवत दूरी होती है।
सूत्र की व्याख्या:
शंकु का आयतन उसी त्रिज्या और ऊँचाई वाले बेलन के आयतन का एक तिहाई होता है। इसका मतलब है कि यदि आपके पास एक बेलन और एक शंकु है जिनकी त्रिज्या और ऊँचाई समान है, तो शंकु में बेलन की तुलना में एक तिहाई जगह होगी।
उदाहरण 1:
मान लीजिए कि एक शंकु की त्रिज्या 6 सेमी और ऊँचाई 8 सेमी है। इसका आयतन ज्ञात कीजिए।
V = (1/3) × π × (6 सेमी)² × 8 सेमी
V = (1/3) × π × 36 सेमी² × 8 सेमी
V = 96π घन सेमी
V ≈ 96 × 3.14159
V ≈ 301.59 घन सेमी
इसलिए, शंकु का आयतन लगभग 301.59 घन सेमी है।
उदाहरण 2 (जब व्यास दिया गया हो):
मान लीजिए कि एक शंकु का व्यास 10 मीटर और ऊँचाई 12 मीटर है। इसका आयतन ज्ञात कीजिए।
सबसे पहले, हमें त्रिज्या ज्ञात करनी होगी। त्रिज्या व्यास की आधी होती है:
r = व्यास / 2
r = 10 मीटर / 2
r = 5 मीटर
अब हम आयतन ज्ञात कर सकते हैं:
V = (1/3) × π × (5 मीटर)² × 12 मीटर
V = (1/3) × π × 25 मीटर² × 12 मीटर
V = 100π घन मीटर
V ≈ 100 × 3.14159
V ≈ 314.16 घन मीटर
इसलिए, शंकु का आयतन लगभग 314.16 घन मीटर है।
महत्वपूर्ण बातें:
* आयतन को हमेशा घन इकाइयों में मापा जाता है (जैसे घन सेमी, घन मीटर, घन फीट आदि)।
* त्रिज्या और ऊँचाई की इकाइयाँ समान होनी चाहिए। यदि वे भिन्न हैं, तो उन्हें गणना करने से पहले एक ही इकाई में बदलना होगा।
* तिरछी ऊँचाई (slant height) आयतन की गणना में उपयोग नहीं होती है। इसका उपयोग पृष्ठीय क्षेत्रफल की गणना में होता है।
दैनिक जीवन में उपयोग:
शंकु के आयतन की अवधारणा का उपयोग दैनिक जीवन में कई स्थितियों में किया जाता है, जैसे:
* आइसक्रीम कोन या फ़नल की क्षमता ज्ञात करने में।

गोले का आयतन -Volume of sphere
गोले का आयतन:
गोला एक पूर्णतः गोल त्रिविमीय ज्यामितीय आकृति है। इसका आयतन उसके द्वारा घेरे गए त्रिविमीय स्थान की मात्रा होती है। इसे घन इकाइयों (जैसे घन सेमी, घन मीटर) में मापा जाता है।
सूत्र:
गोले का आयतन (V) ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है:
V = (4/3)πr³
जहाँ:
* π (पाई) एक गणितीय स्थिरांक है जिसका मान लगभग 3.14159 होता है।
* r गोले की त्रिज्या (Radius) है।
सूत्र की व्याख्या:
यह सूत्र बताता है कि गोले का आयतन उसकी त्रिज्या के घन के समानुपाती होता है।
उदाहरण 1:
मान लीजिए कि एक गोले की त्रिज्या 3 सेमी है। इसका आयतन ज्ञात कीजिए।
V = (4/3) × π × (3 सेमी)³
V = (4/3) × π × 27 घन सेमी
V = 36π घन सेमी
V ≈ 36 × 3.14159
V ≈ 113.1 घन सेमी
इसलिए, गोले का आयतन लगभग 113.1 घन सेमी है।
उदाहरण 2 (जब व्यास दिया गया हो):
मान लीजिए कि एक गोले का व्यास 10 मीटर है। इसका आयतन ज्ञात कीजिए।
सबसे पहले, हमें त्रिज्या ज्ञात करनी होगी। त्रिज्या व्यास की आधी होती है:
r = व्यास / 2
r = 10 मीटर / 2
r = 5 मीटर
अब हम आयतन ज्ञात कर सकते हैं:
V = (4/3) × π × (5 मीटर)³
V = (4/3) × π × 125 घन मीटर
V ≈ (4/3) × 3.14159 × 125 घन मीटर
V ≈ 523.6 घन मीटर
इसलिए, गोले का आयतन लगभग 523.6 घन मीटर है।
महत्वपूर्ण बातें:
* आयतन को हमेशा घन इकाइयों में मापा जाता है (जैसे घन सेमी, घन मीटर, घन फीट आदि)।
* त्रिज्या और व्यास की इकाइयाँ समान होनी चाहिए। यदि वे भिन्न हैं, तो उन्हें गणना करने से पहले एक ही इकाई में बदलना होगा।
दैनिक जीवन में उपयोग:
गोले के आयतन की अवधारणा का उपयोग दैनिक जीवन में कई स्थितियों में किया जाता है, जैसे:
* गेंदों, गुब्बारों, और अन्य गोलाकार वस्तुओं की क्षमता ज्ञात करने में।
* खगोल विज्ञान में ग्रहों और तारों के आकार और द्रव्यमान का अनुमान लगाने में।
* रसायन विज्ञान और भौतिकी में अणुओं और परमाणुओं के आकार का अध्ययन करने में।
ठोसों के एक संयोजन का पृष्ठीय क्षेत्रफल -Surface area of ​​a combination of solids
ठोसों के एक संयोजन का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करने का मतलब है जब दो या दो से अधिक ठोस आकृतियाँ (जैसे घन, घनाभ, बेलन, शंकु, गोला, अर्धगोला आदि) एक साथ मिलकर एक नई ठोस आकृति बनाती हैं, तो उस नई आकृति का बाहरी सतह का कुल क्षेत्रफल ज्ञात करना।
मूल अवधारणा:
संयोजन का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करने के लिए, हमें अलग-अलग ठोसों के उन हिस्सों के क्षेत्रफलों को जोड़ना होता है जो संयोजन की बाहरी सतह बनाते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जहाँ ठोस आकृतियाँ एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं, उन हिस्सों के क्षेत्रफल को नहीं गिना जाता क्योंकि वे संयोजन की बाहरी सतह का हिस्सा नहीं होते।
विभिन्न प्रकार के संयोजन और उन्हें हल करने के तरीके:
* जोड़ द्वारा संयोजन: जब ठोस आकृतियाँ एक-दूसरे से जुड़कर एक बड़ी आकृति बनाती हैं, तो उनके बाहरी सतहों के क्षेत्रफलों को जोड़ा जाता है, लेकिन जहाँ वे जुड़ते हैं, उस सतह को घटा दिया जाता है।
   * उदाहरण: एक अर्धगोला और एक शंकु उनके आधारों पर जुड़े हुए हैं। इस संयुक्त आकृति का पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने के लिए, अर्धगोले के वक्र पृष्ठ के क्षेत्रफल और शंकु के वक्र पृष्ठ के क्षेत्रफल को जोड़ दिया जाएगा। उनके उभयनिष्ठ वृत्ताकार आधार के क्षेत्रफल को नहीं गिना जाएगा।
* घटाव द्वारा संयोजन: जब एक ठोस आकृति से दूसरी आकृति को काटकर निकाला जाता है, तो बड़ी आकृति के पृष्ठीय क्षेत्रफल में से काटी गई आकृति के उन हिस्सों के क्षेत्रफल को घटाया जाता है जो अब बाहरी सतह का हिस्सा नहीं हैं, और उन हिस्सों को जोड़ा जाता है जो काटने के बाद नई बाहरी सतह बनाते हैं।
   * उदाहरण: एक घन में से एक अर्धगोला काटा जाता है। शेष ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने के लिए, घन के पृष्ठीय क्षेत्रफल में से अर्धगोले के वृत्ताकार आधार के क्षेत्रफल को घटाया जाएगा और अर्धगोले के वक्र पृष्ठ के क्षेत्रफल को जोड़ा जाएगा।
उदाहरण सहित विस्तृत व्याख्या:
उदाहरण 1: जोड़ द्वारा संयोजन
एक अर्धगोला जिसकी त्रिज्या 7 सेमी है, उसके ऊपर समान त्रिज्या का एक शंकु रखा गया है। संयुक्त ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
* अर्धगोले का वक्र पृष्ठ: 2πr² = 2π × (7)² = 98π वर्ग सेमी
* शंकु का वक्र पृष्ठ: πrl (यहाँ l तिरछी ऊँचाई है। मान लीजिए कि शंकु की ऊँचाई 24 सेमी है, तो l = √(7² + 24²) = 25 सेमी) = π × 7 × 25 = 175π वर्ग सेमी
* संयुक्त ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल: अर्धगोले का वक्र पृष्ठ + शंकु का वक्र पृष्ठ = 98π + 175π = 273π ≈ 857.67 वर्ग सेमी
उदाहरण 2: घटाव द्वारा संयोजन
एक 7 सेमी भुजा वाले घन में से एक 3 सेमी त्रिज्या वाला अर्धगोला इस प्रकार काटा जाता है कि अर्धगोले का वृत्ताकार आधार घन के एक फलक पर पूरी तरह से स्थित है। शेष ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
* घन का पृष्ठीय क्षेत्रफल: 6a² = 6 × (7)² = 294 वर्ग सेमी
* अर्धगोले का वृत्ताकार आधार: πr² = π × (3)² = 9π वर्ग सेमी (इसे घन के क्षेत्रफल से घटाया जाएगा)
* अर्धगोले का वक्र पृष्ठ: 2πr² = 2π × (3)² = 18π वर्ग सेमी (इसे घन के क्षेत्रफल में जोड़ा जाएगा)
* शेष ठोस का पृष्ठीय क्षेत्रफल: 294 - 9π + 18π = 294 + 9π ≈ 322.27 वर्ग सेमी
महत्वपूर्ण बातें:
* संयोजन में शामिल प्रत्येक ठोस के पृष्ठीय क्षेत्रफल का सूत्र याद रखें।
* ध्यान से देखें कि ठोस आकृतियाँ कैसे जुड़ी हुई हैं या काटी गई हैं।
* उभयनिष्ठ सतहों को न गिनें।
* सही इकाइयों (वर्ग सेमी, वर्ग मीटर आदि) का उपयोग करें।
कुछ और उदाहरण:
* एक बेलन के दोनों सिरों पर दो अर्धगोले लगे हों।
* एक घनाभ के ऊपर एक शंकु रखा हो।
* एक गोले में से एक बेलन काटा गया हो।
इन उदाहरणों से आपको ठोसों के संयोजनों के पृष्ठीय क्षेत्रफल की गणना करने की मूल अवधारणा समझने में मदद मिलेगी। किसी भी जटिल ठोस को सरल ठोसों में तोड़कर और फिर उनके क्षेत्रफलों को जोड़कर या घटाकर आप कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कर सकते हैं।
ठोसों के एक संयोजन का आयतन -Volume of a combination of solids
ठोसों के एक संयोजन का आयतन ज्ञात करने का मतलब है जब दो या दो से अधिक ठोस आकृतियाँ (जैसे घन, घनाभ, बेलन, शंकु, गोला, अर्धगोला आदि) एक साथ मिलकर एक नई ठोस आकृति बनाती हैं, तो उस नई आकृति का कुल आयतन ज्ञात करना।
मूल अवधारणा:
संयोजन का आयतन ज्ञात करने के लिए, हमें अलग-अलग ठोसों के आयतनों को जोड़ना होता है जो उस संयोजन को बनाते हैं। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि जहाँ ठोस आकृतियाँ एक-दूसरे से जुड़ी होती हैं, उस हिस्से के आयतन को दो बार नहीं गिना जाता क्योंकि वह संयोजन के कुल आयतन का हिस्सा होता है।
विभिन्न प्रकार के संयोजन और उन्हें हल करने के तरीके:
* जोड़ द्वारा संयोजन: जब ठोस आकृतियाँ एक-दूसरे से जुड़कर एक बड़ी आकृति बनाती हैं, तो उनके आयतनों को जोड़ा जाता है।
   * उदाहरण: एक अर्धगोला और एक शंकु उनके आधारों पर जुड़े हुए हैं। इस संयुक्त आकृति का आयतन निकालने के लिए, अर्धगोले के आयतन और शंकु के आयतन को जोड़ दिया जाएगा।
* घटाव द्वारा संयोजन: जब एक ठोस आकृति से दूसरी आकृति को काटकर निकाला जाता है, तो बड़ी आकृति के आयतन में से काटी गई आकृति के आयतन को घटाया जाता है।
   * उदाहरण: एक बेलन में से एक शंकु काटा जाता है। शेष ठोस का आयतन निकालने के लिए, बेलन के आयतन में से शंकु के आयतन को घटाया जाएगा।
उदाहरण सहित विस्तृत व्याख्या:
उदाहरण 1: जोड़ द्वारा संयोजन
एक अर्धगोला जिसकी त्रिज्या 7 सेमी है, उसके ऊपर समान त्रिज्या का एक शंकु रखा गया है जिसकी ऊँचाई 24 सेमी है। संयुक्त ठोस का आयतन ज्ञात कीजिए।
* अर्धगोले का आयतन: (2/3)πr³ = (2/3)π × (7)³ = (686/3)π घन सेमी
* शंकु का आयतन: (1/3)πr²h = (1/3)π × (7)² × 24 = 392π घन सेमी
* संयुक्त ठोस का आयतन: अर्धगोले का आयतन + शंकु का आयतन = (686/3)π + 392π = (686π + 1176π)/3 = (1862/3)π ≈ 1947.79 घन सेमी
उदाहरण 2: घटाव द्वारा संयोजन
एक 14 सेमी ऊँचे और 7 सेमी त्रिज्या वाले बेलन में से समान त्रिज्या और 14 सेमी ऊँचाई का एक शंकु काटा जाता है। शेष ठोस का आयतन ज्ञात कीजिए।
* बेलन का आयतन: πr²h = π × (7)² × 14 = 686π घन सेमी
* शंकु का आयतन: (1/3)πr²h = (1/3)π × (7)² × 14 = (686/3)π घन सेमी
* शेष ठोस का आयतन: बेलन का आयतन - शंकु का आयतन = 686π - (686/3)π = (2058π - 686π)/3 = (1372/3)π ≈ 1436.76 घन सेमी
महत्वपूर्ण बातें:
* संयोजन में शामिल प्रत्येक ठोस के आयतन का सूत्र याद रखें।
* ध्यान से देखें कि ठोस आकृतियाँ कैसे जुड़ी हुई हैं या काटी गई हैं।
* सही इकाइयों (घन सेमी, घन मीटर आदि) का उपयोग करें।
कुछ और उदाहरण:
* एक घन के अंदर एक गोला रखा हुआ है।
* एक घनाभ के ऊपर एक अर्धबेलन रखा हो।
* एक गोले में से एक शंकु काटा गया हो।
इन उदाहरणों से आपको ठोसों के संयोजनों के आयतन की गणना करने की मूल अवधारणा समझने में मदद मिलेगी। किसी भी जटिल ठोस को सरल ठोसों में तोड़कर और फिर उनके आयतनों को जोड़कर या घटाकर आप कुल आयतन ज्ञात कर सकते हैं।
एक ठोस का एक जाकर से दूसरे आकार में रूपांतरण -conversion of a solid from one shape to another
जब एक ठोस को एक आकार से दूसरे आकार में रूपांतरित किया जाता है, तो उसका आयतन अपरिवर्तित रहता है। यह एक महत्वपूर्ण अवधारणा है जो ठोस ज्यामिति में कई समस्याओं को हल करने में मदद करती है।
मूल अवधारणा:
जब आप किसी ठोस को पिघलाते हैं या उसे पुन: आकार देते हैं, तो आप वास्तव में उसकी मात्रा को बदल नहीं रहे होते हैं, बल्कि सिर्फ उसके आकार को बदल रहे होते हैं। कल्पना कीजिए कि आपके पास मिट्टी का एक गोला है। यदि आप इसे दबाकर एक घनाभ बनाते हैं, तो मिट्टी की कुल मात्रा वही रहेगी, भले ही आकार बदल जाए।
उदाहरण सहित व्याख्या:
उदाहरण 1: गोले को शंकु में बदलना:
मान लीजिए कि आपके पास 6 सेमी त्रिज्या का एक धातु का गोला है। आप इसे पिघलाकर 6 सेमी त्रिज्या का एक लंब वृत्तीय शंकु बनाते हैं। शंकु की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।
* गोले का आयतन: (4/3)πr³ = (4/3)π × (6)³ = 288π घन सेमी
* शंकु का आयतन: (1/3)πr²h = (1/3)π × (6)² × h = 12πh घन सेमी
चूँकि आयतन समान रहना चाहिए, इसलिए:
288π = 12πh
h = 288π / 12π
h = 24 सेमी
अतः, शंकु की ऊँचाई 24 सेमी होगी।
उदाहरण 2: बेलन को तार में बदलना:
मान लीजिए कि आपके पास 2 सेमी त्रिज्या और 10 सेमी ऊँचाई का एक तांबे का बेलन है। इसे पिघलाकर एक समान मोटाई का तार बनाया जाता है जिसकी लंबाई 20 मीटर है। तार की त्रिज्या ज्ञात कीजिए।
* बेलन का आयतन: πr²h = π × (2)² × 10 = 40π घन सेमी
* तार का आयतन (बेलनाकार): πr²h = π × r² × 2000 सेमी (20 मीटर = 2000 सेमी)
चूँकि आयतन समान रहना चाहिए, इसलिए:
40π = π × r² × 2000
r² = 40π / 2000π
r² = 0.02
r = √0.02 ≈ 0.141 सेमी
अतः, तार की त्रिज्या लगभग 0.141 सेमी होगी।
महत्वपूर्ण बातें:
* जब एक ठोस को दूसरे आकार में बदला जाता है, तो आयतन अपरिवर्तित रहता है।
* यह अवधारणा ठोसों के आयतन के सूत्रों पर आधारित है। इसलिए, आपको विभिन्न ठोसों (जैसे गोला, शंकु, बेलन, घन, घनाभ) के आयतन के सूत्रों को याद रखना चाहिए।
* गणना करते समय इकाइयों का ध्यान रखें। यदि इकाइयाँ भिन्न हैं, तो उन्हें गणना से पहले एक ही इकाई में बदल लें।
दैनिक जीवन में उपयोग:
ठोसों के रूपांतरण की अवधारणा का उपयोग दैनिक जीवन में कई स्थितियों में किया जाता है, जैसे:
* आभूषण बनाने में: सोने या चाँदी को पिघलाकर विभिन्न आकारों के आभूषण बनाए जाते हैं।
* धातु के काम में: धातु को पिघलाकर विभिन्न आकार की वस्तुएँ बनाई जाती हैं।
* मिट्टी के बर्तन बनाने में: मिट्टी को विभिन्न आकारों में ढाला जाता है।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो पूछने में संकोच न करें।
शंकु छिन्नक -frustum of a cone
शंकु छिन्नक (Frustum of a Cone) एक शंकु का वह भाग होता है जो उसके आधार और एक तल द्वारा काटे जाने पर बनता है जो आधार के समानांतर होता है लेकिन शीर्ष से नहीं गुजरता। कल्पना कीजिए कि आपने एक आइसक्रीम कोन का ऊपरी हिस्सा चाकू से काट दिया है; जो बचा हुआ भाग होगा, वह शंकु छिन्नक कहलाएगा।
शंकु छिन्नक के भाग:
* R: बड़े आधार की त्रिज्या
* r: छोटे आधार की त्रिज्या
* h: छिन्नक की ऊँचाई (दोनों आधारों के बीच की लंबवत दूरी)
* l: तिरछी ऊँचाई (Slant height)
शंकु छिन्नक का आयतन:
शंकु छिन्नक का आयतन ज्ञात करने का सूत्र इस प्रकार है:
V = (1/3)πh(R² + Rr + r²)
जहाँ:
* π (पाई) एक गणितीय स्थिरांक है जिसका मान लगभग 3.14159 होता है।
* R = बड़े आधार की त्रिज्या
* r = छोटे आधार की त्रिज्या
* h = छिन्नक की ऊँचाई
शंकु छिन्नक का पृष्ठीय क्षेत्रफल:
शंकु छिन्नक का पृष्ठीय क्षेत्रफल दो भागों में बांटा जा सकता है:
* वक्र पृष्ठ (Lateral Surface Area): यह छिन्नक का घुमावदार भाग होता है। इसका सूत्र है:
   LSA = πl(R + r)
   जहाँ l तिरछी ऊँचाई है, जिसे पाइथागोरस प्रमेय का उपयोग करके ज्ञात किया जा सकता है:
   l = √(h² + (R - r)²)
* कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल (Total Surface Area): इसमें वक्र पृष्ठ के साथ-साथ दोनों वृत्ताकार आधारों का क्षेत्रफल भी शामिल होता है। इसका सूत्र है:
   TSA = πl(R + r) + πR² + πr²
उदाहरण:
मान लीजिए कि एक शंकु छिन्नक के बड़े आधार की त्रिज्या 10 सेमी, छोटे आधार की त्रिज्या 6 सेमी और ऊँचाई 8 सेमी है। इसका आयतन और पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
* तिरछी ऊँचाई ज्ञात करें:
   l = √(8² + (10 - 6)²)
   l = √(64 + 16)
   l = √80
   l ≈ 8.94 सेमी
* आयतन ज्ञात करें:
   V = (1/3)π × 8 × (10² + 10 × 6 + 6²)
   V = (8/3)π × (100 + 60 + 36)
   V = (8/3)π × 196
   V ≈ 1641.75 घन सेमी
* वक्र पृष्ठ ज्ञात करें:
   LSA = π × 8.94 × (10 + 6)
   LSA ≈ π × 8.94 × 16
   LSA ≈ 449.22 वर्ग सेमी
* कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करें:
   TSA = 449.22 + π × 10² + π × 6²
   TSA ≈ 449.22 + 314.16 + 113.10
   TSA ≈ 876.48 वर्ग सेमी
इसलिए, शंकु छिन्नक का आयतन लगभग 1641.75 घन सेमी और कुल पृष्ठीय क्षेत्रफल लगभग 876.48 वर्ग सेमी है।
महत्वपूर्ण बातें:
* आयतन को हमेशा घन इकाइयों में मापा जाता है (जैसे घन सेमी, घन मीटर)।
* पृष्ठीय क्षेत्रफल को हमेशा वर्ग इकाइयों में मापा जाता है (जैसे वर्ग सेमी, वर्ग मीटर)।
* त्रिज्या और ऊँचाई की इकाइयाँ समान होनी चाहिए।
मुझे उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए उपयोगी होगी। यदि आपके कोई और प्रश्न हैं तो पूछने में संकोच न करें।


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