जीरो प्रतिशत ब्याज का लालच देकर प्राचार्य से 31 लाख की धोखाधड़ी

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रीवा : जीरो प्रतिशत ब्याज का लालच देकर प्राचार्य से 31 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। धोखाधड़ी के शिकार प्राचार्य सीएम राइज स्कूल मनगवां में पदस्थ हैं। समान पुलिस ने बताया कि कैलाशचन्द्र अवधिया पुत्र स्व. लक्ष्मीचन्द्र अवधिया 49 वर्ष निवासी मानस नगर की शिकायत पर मामला दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी गई है।

इस तरह हुई शुरुआत

प्राचार्य ने पुलिस को बताया कि 20 अप्रैल को उनके मोबाइल अज्ञात युवक का फोन आया। उसने अपना परिचय देते हुये कहा कि ग्वालियर से संजय शुक्ला बोल रहा हूं। कुछ व्हाट्सएप में दस्तावेज भेजे है। उसे पढ़ लीजिए। और यह भी कहा कि पॉलिसी अगेंस्ट लोन 20 लाख रुपए मिल सकता है। लोन की ब्याज दर जीरो प्रतिशत रहेगी। फिर उसने व्हाट्सएप में कुछ दस्तावेज भेजे, ताकि भरोसा हो जाए।

..और फंस गए जाल में

प्राचार्य दस्तावेज देखकर विश्वास कर बैठे। उन्होंने आधार
कार्ड, पैन कार्ड, नामिनी का आधार कार्ड, बैंक स्टेटमेंट 6
माह का, 3 माह की सैलरी स्लिप, फार्म- 16 और अपना
फोटो उसी वाट्सएप में भेज दिया। 28 अप्रैल 2023 को
दूसरे नंबर से फोन आया। उसने अपना नाम विमल भटनागर
बताया। कहा कि फोन से लोन का वेरिफिकेशन करेंगे। कुछ
दिनों बाद वाट्सएप में एप की लिंक आई। जिसे प्राचार्य ने
आरोपी के बताए अनुसार इंस्टाल कर लिया।

दो बैंको से लोन हुए स्वीकृत

एप में मांगी गई सभी जानकारियां और फार्म भरने का बाद ৪ मई 2023 को बजाज फाइनेंस लिमिटेड रीवा उरहट से 9 लाख का व्यक्तिगत लोन मंजूर हो गया। ऐसे में 8,67,700 रुपये खाते में आ गए। उसी दिन किसी कैलाश धाकड़ नाम के व्यक्ति के खाते में रुपए ट्रांसफर हो गया। इसी तरह 9 मई 2023 को एचडीएफसी बैंक से 15,29,893 रुपये का दूसरा लोन स्वीकृत हो खाते में राशि आई। 9 मई को 10 लाख रुपए कैलाश धाकड ने अपने खाते में ट्रांसफर कर लिए वहीं 10 मई को 5 लाख रुपए बृजेश कुमार उमरे निवासी अमानगंज जिला पन्ना के खाते में राशि ट्रांसफर हो गई। इसी तरह 27 मई को खाते में पूर्व से जमा राशि 5.22 लाख रुपए की रकम कैलाश धाकड के खाते में ट्रांसफर हुई। अंत में 31 मई को खाते की शेष रकम दो लाख रुपए बृजेश कुमार उमरे के खाते में ट्रांसफर हो गए।

इस तरह चला पता

प्राचार्य को धोखाधडी की जानकारी तब लगी जब उसके खाते से पहली किस्त 22445 रुपए बजाज फाइनेंस और दूसरी किस्त 41,146 रुपए एचडीएफसी बैंक की 5 जून और 7 जून को कट गई। प्राचार्य बैंक पहुंचे तो पता चला कि उन्होंने दो लोन लिया है। जबकि वे इससे अनजान थे उन्होंने कोई लोन नहीं लिया था।

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