नमस्कार दोस्तों स्वागत है आज के आर्टिकल में चर्चा करने वाला हूं संविदा क्या है ? संविदा शब्द आजकल बहुत ही चर्चित शब्द है। आपने इसके बारे में जरूर सुना होगा आइये जानते हैं आखिर क्या होती है संविदा ? संविदा अनुबंध आधारित जॉब्स है। कॉन्ट्रैक्ट जॉब्स सर्विस या संविदा नौकरी ऐसे शब्दों को अक्सर राज्य केंद्र सरकार विभिन्न डिपार्मेंट में अंशकालिक अर्थात पार्ट टाइम नौकरी की भर्ती के लिए प्रयोग करती है। संविदा इंजीनियर ,संविदा डॉक्टर ,संविदा अनुबंध कर्मचारी आज लगभग हर विभाग में सबसे अधिक प्रचलित है। नौकरियां की भर्ती के मामले में अब यह शब्द आम होता जा रहा है। यह अंशकालिक अर्थात पार्ट टाइम संविदा नौकरी अधिकतर एक साल या दो साल की समय अवधी के लिए होते हैं। या फिर पूर्ण रूपेण अस्थाई अनुबंध अवधी या सेवा समाप्त होने के बाद अनुबंध सेवा की अवधी में वृद्धि करना या तो कार्य की उपलब्धता या फिर नियोक्ता पर निर्भर करता है।
संविदा नौकरी क्या है? (What is contract job?)
आईये जानते हैं क्या है कॉन्ट्रैक्ट जॉब्स संविदा या कॉन्ट्रैक्ट किसे कहा जाता है। अनुबंध आधारित जॉब्स कॉन्ट्रैक्ट जॉब्स या संविदा नौकरी सर्विस या अनुबंध नौकरी एक कानूनी प्रकिया है जिसमें कानून के अनुसार कुछ तथ्य अंतर्निहित है। इसे और अधिक विस्तृत रूप से स्पष्ट किया जाए तो हम का सकते हैं की दो या दो से अधिक व्यक्तियों या पक्षों के बीच उनकी इच्छा के अनुरूप ऐसा समझौता जिसके तहत किसी पक्ष द्वारा प्रतिज्ञा कृत व्यवहार या क्रिया के बदले दूसरे पक्ष पर कुछ देने या करने या सहने या सहमत कोई विशिष्ट प्रकार का लेने दें करने या दायित्व हो जो संबंधित पक्षों दो या दो से अधिक के मध्य विषय के संबंध में कानूनी संबंध स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया हो उसको अनुबंध कॉन्ट्रैक्ट या संविदा कहा जाता है। सरकार ने संविदा के संबंध में नियम कानून भी पारित किया हैं। जिसे भारतीय संविदा अधिनियम 1872 के नाम से जाना जाता है।
संविदा की सैलरी कितनी होती है?
संविदा में नौकरी करने वाले कर्मचारियों को कितनी वेतन मिलती है चलिए जानते है। नौकरी के प्रथम चरण में, संविदा कर्मचारियों को प्रतिमाह 10,400 रुपये मिलेंगे। इसके साथ ही यदि कर्मचारी 9 साल की सेवा अवधि पूरी करता है, तो वेतन 18,500 रुपये हो जाएगी। इसके बाद, साथ ही 18 साल की सेवा पूरी करने पर वेतन 33,300 रुपये तक बढ़ जाएगा।
संविदा कर्मचारी कौन कौन से होते हैं?
आप को बात दे संविदा नौकरी में आमतौर पर एक निश्चित वेतन और निश्चित समयावधि के लिए अनुबंध पत्र में उल्लिखित पद पर कर्मचारी की भर्ती की जाती है, जिसमें संबंधित विभाग द्वारा निर्धारित कार्यों का पालन करने वाले व्यक्ति को चुना जाता है।
संविदा की नौकरी कैसे मिलती है?
संविदा में नौकरी पाने के लिए आप को राज्य सरकार द्वारा इन भर्तियों के लिए कक्षा 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन पास युवा भर्ती प्रकिया की जाती है जिसमे आप आवेदन कर सकते है। अगल-अलग भर्तियों के लिए पात्रता भी अलग-अलग निर्धारित होंगी।
संविदा कर्मचारी कब परमानेंट होंगे?
संविदा में नौकरी करने वाले कमर्चारियों को नियमित करने का विचार विर्मश या फिर नियमित करने का अधिकार राज्य सरकार के पास होता है। सरकार जब चाहे संविदा में कार्यरत कर्मचारियों को नियमित कर सकती है।
संविदा नौकरी से होने वाले नुकसान:
1. निश्चित वेतन: संविदा कार्यकर्ताओं को निश्चित वेतन प्राप्त होता है, जिसमें नियमित तरीके से वृद्धि नहीं होती है।
2. वेतन में जल्दी बढ़ोतरी नहीं होती: संविदा कर्मचारियों को वेतन में नियमित रूप से वृद्धि की सुविधा नहीं होती है।
3. नौकरी जाने का डर: संविदा कार्यकर्ताओं के लिए नौकरी खोने का डर हमेशा बना रहता है, जब संविदा समाप्त होता है या नवीनीकृत नहीं किया जाता है।
4. सीमित सुविधाएं: संविदा कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों की समान सुविधाएं और लाभ नहीं मिलते हैं, भले ही वे उनके स्तर पर कार्य करें या उम्मीदों से ऊपर उत्कृष्टता प्रदर्शित करें।