टाइटेनिक जहाज वाली घटना को आज तक कोई नहीं भूल पाया है 1912 में अटलांटिक महासागर में हिमशिला से टकराकर टाइटेनिक डूब गया था। जिसके अवषेक आज तक अटलांटिक महासागर में मौजूद है कई तस्वीर भी सामने आई हैं। जिसके बाद टाइटेनिक का मलबा देखने वालों की लिस्ट बढ़ती गई लेकिन ओसिनगेट एक्सपीडिशन नाम की कंपनी पर्यटकों को नई एक्सपीरियंस देने के लिए मैदान में उतरी और मोटा चार्ज भी किया वहीं यात्रियों से यह भी लिखवाया गया की समुद्र के अंदर होने वाले जोखिम के लिए वो खुद जिम्मेदार हैं।
जिसके बाद 18 जून को टूरिस्ट पनडुब्बी टाइटन समुद्र में उतरी तभी लगभग एक घंटा 45 मिनट बाद खबर आई की टाइटन अटलांटिक महासागर में लापता हो गई है रडार से यह पनडुब्बी बिल्कुल गायब ही हो गई इसमें एक पायलट और कई पैसेंजर सवार हैं। इसमे ओसियन गेट कंपनी के सीईओ स्टॉकटों रश ,फ्रांसीसी पायलट पॉल हेनरी ,नॉरगोले ब्रिटेन के अरबपति कारोबारी खमीस होर्डिंग, और पाकिस्तान के बिजनेसमैन शहजादा दाऊद अपने बेटे के साथ मौजूद हैं। कनाडा और अमेरिका की टीम लगातार बचाव अभियान में जुटी है वहीं विशेषज्ञ हैरान है की टाइटन का संपर्क आखिर टूट कैसे गया टाइटन के टाइटेनिक के मलबे में फसे होने की आशंका भी जताई जा रही है।
टाइटेनिक भूतजाल क्या है
कोई भी बड़ी चीज आकर टाइटेनिक के बिखरे हुए मलबे में फैंस जाति है तो इसे भूत जल कहा जाता है
आखिर समुद्र में कहां से आ रही है धमाकेदार आवाज़
दुनिया के टॉप टाइटेनिक विशेषज्ञों में से एक टीम मार्टिन ने कहा की खोज और बचाव के लिए काफी सामग्री मौजूद है उस इलाके में बहुत सारे कमर्शियल शिपिंग भी हैं इसलिए धमाके की आवाजों पर ज्यादा विचार नहीं किया।